गुरुवार, नवंबर 06, 2008

भिण्‍ड में आज पॉच विधानसभा क्षेत्रों के लिये 18 नामांकन पत्र दाखिल

भिण्‍ड में आज पॉच विधानसभा क्षेत्रों के लिये 18 नामांकन पत्र दाखिल

भिण्ड 5 नवम्बर 2008

       कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुहेल अली से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की पॉच विधानसभा क्षेत्रों में 18 उम्मीदवारों द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये गये  विधानसभा अटेर में पॉच, भिण्ड में तीन, लहार में पॉच, मेहगांव में एक तथा गोहद में चार उम्मीदवार द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किये गये।

 

विधानसभा क्षैत्र क्रमांक 09-अटेर

 

दिनांक

 

प्रत्याशियों की संख्या

 

प्रत्याशी का नाम

 

पार्टी का नाम

 

5/11/2008

 

1

 

दिनेश पुत्र सेवासिंह

 

बसपा

 

2

 

पहलवानसिंह पुत्र खेमराज

 

भारतीय जनशक्ति पार्टी

 

3

 

सत्यदेव पुत्र स्व जगराम कटारे

 

इण्डियन नेशनल कांग्रेस

 

4

 

गरीब सिंह पुत्र बदन सिंह

 

लोक जनशक्ति पार्टी 

 

5

 

दिनेश सिंह पुत्र अर्जुनसिंह

 

बसपा

 

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 10-भिण्ड

 

5/11/2008

 

6

 

रामकुमार पुत्र श्रीकृष्ण

 

निर्दलीय

 

 

7

 

नाथूसिंह पुत्र जानकी प्रसाद

 

लोक जनशक्ति पार्टी

 

 

8

 

सुघर सिंह पुत्र रघुनाथ

 

बसपा

 

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 11-लहार

 

5/11/2008

 

9

 

प्रीति पत्नी रोमेश

 

बसपा

 

 

10

 

सोमेश पुत्र मथुरा प्रसाद

 

निर्दलीय

 

 

11

 

हीरासिंह पुत्र राजाराम

 

निर्दलीय

 

 

12

 

मुन्नालाल पुत्र रामभरोसे

 

लोक तांत्रिक जनशक्ति पार्टी

 

 

13

 

मुन्नी त्रिपाठी पत्नी अशोक कुमार

 

भाजपा

 

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 12-मेहगांव

 

5/11/2008

 

14

 

केदारनाथ पुत्र  पुनू

 

निर्दलीय

 

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13-गोहद

 

5/11/2008

 

15

 

प्रेमनारायण पुत्र ख्याली

 

कम्युनिष्ट पार्टी आफ इण्डिया

 

16

 

बेताल पुत्र शंकर सिंह

 

समानता दल

 

17

 

लालसिंह पुत्र फुलजारी लाल

 

भाजपा

 

18

 

अशोक पुत्र शिवदयाल डण्डोतिया

 

समानता दल

 

 

एक शस्त्र लायसेंस निलंबित

एक शस्त्र लायसेंस निलंबित

भिण्ड 5 नवम्बर 2008

       कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुहेल अली द्वारा एक शस्त्र लायसेंस निलंबित कर दिया गया है।

       कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक की श्री अभयसिंह की अनुशंसा पर बकील सिंह पुत्र रामदुलारे तोमर निवासी बरोना थाना एण्डोरी का शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

 

मतदान से पूर्व मॉक पोल कराना अनिवार्य-कलेक्टर अली

मतदान से पूर्व मॉक पोल कराना अनिवार्य-कलेक्टर अली

भिण्ड 5 नवम्बर 2008

       कलेक्टर श्री सुहेल अली ने कहा कि मतदान प्रारंभ कराने से पूर्व प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मॉक पोल (प्रदर्शन-मतदान) कराया जाना अनिवार्य है तभी मतदान प्रक्रिया की वैधानिका मान्य की जावेगी। उन्होने यह बात आज विधानसभा क्षेत्र मेहगांव, गोहद व लहार में पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिये। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गोहद विधानसभा क्षेत्र के लिये 522 मतदान कर्मियों, मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के लिये 609 तथा लहार विधानसभा क्षेत्र के लिये 600 मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।

       कलेक्टर श्री अली  ने कहा कि मतदान प्रक्रिया एक संवेदन शील प्रक्रिया है। किसी मतदान कर्मी की छोटी सी लापरवाही के कारण संपूर्ण मतदान प्रक्रिया दूषित होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए प्रत्येक मतदान कर्मी अपने स्तर दायित्वों का निर्वाहन गंभीरता के साथ करें। किसी भी प्रकार की शंका के विषय में उसका समाधान वरिष्ठ अधिकारियों या अपने प्रशिक्षकों से आवश्यक रूप से करावे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मतदान केन्द्र पर सुबह 8 बजे मतदान प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व, एजेण्टों के समक्ष मॉक पाल (प्रदर्शन मतदान) आवश्श्यक रूप से कराया जावेगा, जिसका उद्देश्य मशीन की कार्य प्रणाली और वैधता के विषय में एजेन्ड को बताया है इसके साथ ही प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को मौक पाल से सम्बन्धित प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

       मास्टर ट्रेनर्स ने कहा कि निर्वाचन कार्य में अनेक उम्मीदवारों में से किसी एक को चुनना होता है, इलेक्ट्रोनिक मतदान मशीन एक विश्वसनीय पद्वति है। इलेक्ट्रोनिक मतदान मशीन में मुख्यत: दो यूनिट है क-कन्ट्रोल यूनिट और ख- बैलटिंग यूनिट, जिसमे कन्ट्रोल यूनिट के साथ जोडने के लिए एक केबल लगा होता है एक बैलटिंग यूनिट 16 उम्मीदवारों तक के लिये प्रयुक्त हो सकता है। आपस में जुडे हुये चार बैलटिंग यूनिट 64 उम्मीदवारों तक के लिये एक कन्ट्रोल यूनिट से प्रयोग में लाए जा सकते है।

       मास्टर ट्रेनर ने अधिकारियों को बेलीटिंग एवं कन्ट्रोल यूनिट के विषय में विस्तार से समझाइस दी उन्होंने बताया कि बेलटिंग यूनिट मशीन का वह यूनिट है मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम और प्रतीक के सामने उम्मीदवार के बटन को दबाकर अपना मत रिकार्ड करता है जब बटन को दबाया जाता है तो उस बटन के बाई तरफ का लैम्प उम्मीदवार का लैम्प लाल रंग दर्शाता है और इसप्रकार मतदाता की पसन्द रिकार्ड हो जाती है।    

       कन्ट्रोल यूनिट के संबंध में बताया कि यह यूनिट मतदान की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है यह पीठासीन अधिकारी या प्रथम अधिकारी द्वारा संचालित की जाती है। कन्ट्रोल यूनिट में चार खण्ड होते है प्रदर्शन खण्ड दूसरा उम्मीदवार सेट खण्ड, तीसरा बेलेट खण्ड,परिणाम खण्ड होते है। उन्होंनें बताया कि प्रदर्शन खण्ड में ऑन और बिजी दो लैम्प होते है और दो प्रदर्शन पैनल होते है। उम्मीदवार सेट खण्ड में एक बैटरी कम्पार्टमेन्ट और एक कैड सेट बटन कम्पार्टमेंट होता है इस भाग में एक कबर होता है जो बाये से दाहिनी ओर खुलता है बाये हाथ की सिटकिनी को दबाकर इसका कबर खोलने पर दो कम्पार्टमेंन्ट दिखायी देते है कैड सेट खण्ड के बाये और बैटरी कम्पार्टमेट होता है जो बैटरी को लगाने के लिए होता है कैंड सेट कम्पार्टमेंन्ट का दाया भाग एक फ्लाप द्वारा कबर किया जाता है जो बाये से दाये तरफ खुलता है और इसे थ्रेड सील द्वारा सील किया जा सकता है। इस खण्ड में एक लाल कैड सेट बटन स्थित है उम्मीदवार खण्ड को थ्रेड सील से बन्द या सील किया जा सकता है। परिणाम खण्ड के कबर के बाये हाथ की ओर एक दीर्घवृत्ताकार छिद्र होता है जिससे क्लोज बटन दिखायी देता है परिणाम खण्ड के बाये तरफ एक काला क्लोज बटन होता है दाहिना खण्ड वास्तव में इसका भीतरी कम्पार्टमेंट है जिसका अपना दरवाजा होता है। भीतर कम्पार्टमेंट के दरवाजे में से दीर्घवृत्ताकार छिद्र होते है जिससे रिजल्ट एक और रिजल्ट दूसरा चिन्हित बटन दिखायी देते है भीतरी दरवाजे को रिजल्ट एक एवं रिजल्ट दो बटनों के ऊपर के दो छिद्रों से अंगूठा ओर उंगली डालकर और फिर भीतर की सिटकिनियों को अन्दर की ओर हल्के से साथ साथ दबाकर खोला जा सकता है किसी भी स्थिति में भीतर के दरवाजे को उपर्युक्त वर्णित तरीके से सिटकिनी को खोले बिना जोर लगाकर नही खोलना चाहिए ताकि इस अत्यंत महत्वपूर्ण भाग को किसी प्रकार की क्षति न पहुंच सके। बैलट खण्ड में दो बटन होते है एक ग्रे रंग का टोटल बटन और एक बडा नीला बैलट बटन। होता है। उन्होंने बताया कि वोटिग मशीन में वार वार बीप आने का मतलब है मशीन में तकनीकि खराबी है, मशीन के सभी कनेक्शन पुन: चेक करने के बाद ही मतदान प्रारंभ करावे।

 

भिण्‍ड हथियारबंद सुरक्षा वाला नहीं बनेगा चुनाव एजेंट मंत्री, सांसद, विधायक भी ज़द में चुनाव आयोग का फैसला

भिण्‍ड हथियारबंद सुरक्षा वाला नहीं बनेगा चुनाव एजेंट मंत्री, सांसद, विधायक भी ज़द में चुनाव आयोग का फैसला

भिण्ड : 05 नवंबर, 2008


 कलेक्टर  एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुहेल अली ने कहा कि चुनाव में कोई भी हथियारबंद सुरक्षा हासिल व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार का किसी भी रूप में एजेंट नहीं बन सकेगा। चुनाव आयोग के इस फैसले की ज़द में केन्द्र या राज्य के मंत्रियों समेत ऐसे सभी सांसद, विधायक या अन्य व्यक्ति शामिल होंगे जिन्हें राज्य या केन्द्र सरकारों द्वारा हथियारबंद सुरक्षा का कवच मुहैया कराया गया है।

इस बारे में आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और आर्म्स एक्ट 1959 का हवाला देते हुए साफ किया है कि रिटर्निंग अफसर, प्रिजाइडिंग अफसर, पुलिस अफसर या अन्य कोई जो मतदान केन्द्र पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डयूटी पर तैनात है, इनके अलावा किसी और को मतदान वाले दिन किसी भी तरह के हथियार के साथ पोलिंग बूथ के करीब फटकने की इजाजत नहीं होगी। इस बारे में माना यह गया है कि हथियारों के साथ निर्वाचन क्षेत्रों और खासकर वोट डालने वाले दिन मतदान केन्द्रों के करीब आवाजाही करने वाले लोग न सिर्फ मतदाताओं, मतदान-कर्मचारियों और अन्य आम लोगों को भयभीत या आतंकित कर सकते हैं, बल्कि हिंसा की ओर भी प्रवृत्त हो सकते हैं। इसके चलते आग्नेयशास्त्रों का दुरुपयोग या इनका दुर्घटनापूर्ण उपयोग कानून और व्यवस्था में दिक्कतें खड़ी कर सकता है। ये चीजें निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए घातक हैं।

आयोग ने इस पर भी गौर किया है कि कुछ उम्मीदवार मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को अपना चुनाव, मतदान या मतगणना एजेंट नियुक्त कर देते हैं। अक्सर इन लोगों को राज्य या सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा कवच दिया जाता है। बीते समय में कई मौकों पर रिटर्निंग अफसरों को ऐसे आवेदन भी उपरोक्त लोगों से मिले जिनमें यह आग्रह किया गया था कि वे उम्मीदवार का एजेंट बनने की खातिर अपना सुरक्षा कवच छोड़ना चाहते हैं। इस बारे में आयोग ने रिटर्निंग अफसरों को सचेत किया है कि इन व्यक्तियों को जिन कारणों से सुरक्षा मिली है उसके मद्देनज़र उन्हें जानबूझकर अपनी सुरक्षा को खतरे में डालने की इजाजत भी नहीं दी जा सकती।

आयोग ने इन सारे तथ्यों के मद्देनज़र फैसला किया है कि अब से केन्द्र या राज्य सरकारों का कोई भी मौजूदा मंत्री, सांसद, विधायक या विधान परिषद का सदस्य या अन्य कोई व्यक्ति जिन्हें हथियारबंद सुरक्षा मिली हुई है उन्हें चुनाव एजेंट के बतौर काम करने की इजाजत नहीं होगी। इसी तरह इन्हें चुनाव के दौरान उम्मीदवार के हक में एजेंट बनने के लिए अपना सुरक्षा कवच भी छोड़ने नहीं दिया जाएगा। इस फैसले पर अमल के लिए सभी संबंधित अफसरों को इप्तेला कर दी गई है।