रविवार, अप्रैल 19, 2009

भिण्‍ड जिला पंचायत सीईओ निलंबित, डयूटी ज्वाईन करने से झाड़ा था पल्ला

भिण्‍ड जिला पंचायत सीईओ निलंबित, डयूटी ज्वाईन करने से झाड़ा था पल्ला

 

Bhopal:Friday, April 17, 2009

राज्य शासन ने उसके आदेश की अवहेलना कर डयूटी ज्वाईन नहीं करने वाले जिला पंचायत सागर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आज इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए गए।

राज्य शासन ने इस मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीनिवास शर्मा का गत 23 मार्च को एक आदेश जारी कर इसी क्षमता में भिण्ड जिला पंचायत में तबादला किया था। उन्हें भिण्ड में ही विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 10 का इसी आदेश के तहत पदेन सहायक रिटर्निंग अफसर भी बनाया गया था। लापरवाह सीईओ ने इस आदेश की अवहेलना की और चुनाव जैसे महत्वपूर्ण काम की जिम्मेदारी से भी किनारा कर लिया। उन्होंने डयूटी ज्वाईन ही नहीं की।

राज्य शासन ने सीईओ के इस कृत्य को घोर अनुशासनहीनता बताते हुए उन्हें सस्पेंड किया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई म.प्र. सिविल सेवा नियम के तहत की गई है। राप्रसे के इस अधिकारी को निलंबन के दौर में संभागीय आयुक्त जबलपुर के मुख्यालय में रखा गया है।

 

आयुक्त और आईजी ने की तैयारियों की समीक्षा

आयुक्त और आईजी ने की तैयारियों की समीक्षा

भिण्ड 18 अप्रैल 2009

 

·                     पुलिस महानिरीक्षक श्री अरविन्द कुमार ने कहा है कि जिले में रेत के अवैध उत्खनन को कडाई से रोका जावे संबंधित थाना प्रभारी कठोर कार्यवाही करें, उन्होने स्पष्ट किया कि अवैध उत्खनन पाये जाने पर सिंध और चम्बल नदी क्षेत्र के थाने ऊमरी, भारौली, रौन, अमायन व फूफ के विरूद्व अनुशानात्मक कार्यवाही की जावेगी।

·                     पुलिस द्वारा रात्रि गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जावेगा।

 

 

       लोकसभा निर्वाचन 2009 को निष्पक्ष और निर्भिक ढंग से सम्पन्न कराने हेतु जिला व प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक आज संभागायुक्त श्री एसडी अग्रवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में तैयारियों को और अधिक कारगर बनाने पर विचार किया गया इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक चम्बल रेंज श्री अरविन्द कुमार, उप महानिरीक्षक श्री आरबी शर्मा, भारत निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक श्री सीके मिश्रा, कलेक्टर श्री सुहेल अली,पुलिस अधीक्षक श्री अभय सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

       संभागायुक्त श्री अग्रवाल ने कहा कि निष्पक्ष व र्निविवाद रूप से चुनाव सम्पन्न करने की जिम्मेदारी पुलिस व जिला प्रशासन पर रहती है। इसके लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि जिला स्तर से थाने स्तर तक के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से निर्माण करें ग्रामीणों को निर्भिक रूप से मतदान के विषय में समझाइस देवें। उन्होने कहा कि आदर्श आचार सहिता के विषय में भी ग्रामीण क्षेत्रों में बताये जाने की आवश्यकता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष मतदान हेतु अनेक कदम उठाये गये है जिनके तहत क्रिटिकल व बल्नेविल मतदान केन्द्रों को सूचीबद्व कया गया है। इन केन्द्रो पर माइक्रो आब्जर्वर तथा बीडियों कैमरे लगाये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक केन्द से घटना व दुघर्टना की सूचना तुरंत प्राप्त हो सके। उसके लिये जिले का कम्युनिकेशन प्लान भी तैयार किया गया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं को किसी भी तरह से स्वीकार नही किया जावेगा। इसे कढाई से रोका जावे।

       पुलिस महानिरीक्षक श्री अरविन्द कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनावों के अनुभवों का लाभ लोकसभा चुनावों में घटना व दुघर्टना को रोकने के लिये उठाया जावे। मतदान केन्द्रों पर तोडफोड व कैप्चरिंग की घटनाएें अधिकतर मतदान समाप्ति के समय होना पाया गया है अत: इस समय विशेष सर्तकता बरतने की आवश्यकता है। उन्होने स्पष्ट किया कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित हो जाने के उपरांत भी उसकी संवेदनशीलता भी बरकरार है। अधिकारी पूर्ण सजगता व ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वाहन करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बदाश्त नही की जावेगी। पुलिस महानिरीक्षक ने गत दिनों गोहद विधानसभा क्षेत्र में हुई दुघर्टना पर चिंता व्यक्त की तथा सभी पुलिस अधिकारियों को आगाह किया कि राजनैतिक दल के प्रत्याशियों व वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा हमारी नैतिकता है इसमें किसी भी प्रकार की चूक नही होना चाहिए। उन्होने  बताया  कि  निर्वाचन  आयोग द्वारा सभी प्रत्याशियो को एक एक अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने के निर्देश दिये गये है। जिनका पालन भी सुनिश्चित किया जावे। श्री अरविन्द कुमार ने गडबडी पहुंचाने की आशंका वाले व्यक्तियों के विरूद्व की गई प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता बतलाई तथा सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि अगर उनके थाना क्षेत्र का कोई भी गिरफ्तारी बारंटी अगर मतदान करता मिलता है तो संबंधित थाना प्रभारियों की चूक मानी जावेगी। ऐसे बारंटियों को चिन्हित करने के लिये मतदान केन्द्रों पर उनकी पृथक से सूची रखने पर यह विचार किया जावेगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिये भिण्ड जिले की सीमा सुरक्षाबल के जबान प्राप्त होगे । यह बल 25 अप्रैल तक जिले में पहुंच जायेगा।

       पुलिस महानिरीक्षक श्री शर्मा ने कहा कि शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न कराने में मैदानी अधिकारियों की महति भूमिका होती है। उनके द्वारा मतदान से पूर्व की गई कार्यवाईयों के फलस्वरूप ही मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो पाता है। उन्होने अधिकारियों को दबाव मुक्त वातावरण में काम करने की सलाह दी तथा सूचना तंत्र को मजबूत करने व सूचनाओं पर कार्यरत पहल की हिदायत भी दी। उन्होने कहा कि एसडीओपी व थाना प्रभारी गांव का भ्रमण करें तथा ग्रामीणों से चर्चा कर क्षेत्र की संबेदनशीलता के बारे में जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि ऐतिहाति कार्यवाहियों के दौरान भले व शरीफ व्यक्तियों को अनावश्यक परेशान न किया जावे तथा अपराधिक प्रवृत्ति लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि  बोर्डर शीलिंग हेतु चैक पोस्ट उपयुक्त जगह पर बनाए जावे। मतदान वाले दिवस मोबाईल पार्टी नियमित रूप से भ्रमण करें।

       बैठक के प्रारंभ में पुलिस अधीक्षक श्री अभय सिंह ने जिले में उठाये गये एतिहातिक कदम की तैयारियों के विषय में बतलाया।

 

फायदेमन्द है पपीता की खेती

फायदेमन्द है पपीता की खेती

Article By: Regional Public Relations Office- Gwalior Region

 

पपीता उगाने से कृषको को अल्प अवधि में आर्थिक लाभ मिलता है। घर के आंगन में दो-तीन पौधे उगाने से जहाँ दैनिक आहार की पूर्ति होती है वहीं खेती के खाली स्थान की मेड़ों में एवं जहां सिंचाई साधन उपलब्ध हो कृषकों को पपीते की व्यवसायिक खेती से पर्याप्त आमदनी हो सकती है। बड़वानी लाल व पीला, हनीडयू, सिलोना, पूसा डिलिसियस, रांची, कोयम्बटूर-2,3,5,6 एवं पूसा ज्वाइंट तथा पूसा नन्हा मुख्य उन्नत किस्में हैं।

       एक हैक्टेयर के लिये 500 ग्राम से एक किलो बीज की आवश्यकता होती है। 2 बाई 2 मीटर की दूरी पर आधा मीटर लम्बा, चौड़ा, गहरा गड्डा बनाकर 20 किलो गोबर खाद, 500 ग्राम सुपर फास्फेट, 250 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश को मिट्टी में मिलाकर पौधा लगाने से दस दिन पूर्व भर दें। जिस भूमि में दीमक लगती हो वहां प्रति गड्डा 25 ग्राम 5 प्रतिशत एल्ड्रिन चूर्ण मिट्टी में मिला दें। एक हेक्टर खेत में प्रति गड्डा 2 पौधा लगाने पर 5000 पौधे लगेंगे। कुछ कृषकों के द्वारा खेतों में पौध न लगाकर सीधे बीज डालने के भी अच्छे परिणाम मिले हैं अत: इस क्रिया को भी अपनाना चाहिये।

       पपीते के एक पौधे को वर्ष भर में 250 ग्राम नत्रजन, 250 ग्राम स्फुर एवं 500 ग्राम पोटाश देना चाहिये, इसे 6 बराबर भागों में बाँटकर प्रति 2 माह के अंतर से देना चाहिये, इस प्रकार एक बार में 90 ग्राम यूरिया, 250 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 125 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश बने हुए थालों में मिट्टी मिलाकर दें और सिंचाई करें।

       पपीते के पौधे 90 से 100 दिन के अंदर फूलने लगते हैं नर फूल छोटे-छोटे गुच्छों से लम्बे डन्ठल युक्त होते हैं। 100 मादा पौधे के लिये 5 से 10 नर पौधे छोड़कर शेष पौधों को उखाड़ देना चाहिये। पौधों को रस चूसक कीड़े - माहूं, फुदका, सफेद मक्खी से बचाने के लिये फोरेट 10 दानेदार दवा 4 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिलायें दूसरे अन्य कीड़ों से रक्षा के लिये फल तोड़ने के समय को छोड़कर 15 दिन में 0.05 मैलाथियान दवा का छिड़काव करें। फ्रूट एवं स्टेम राट जैसी बीमारियों से बचाने के लिये पपीते के पौधों के तनों के पास पानी न जमने दें, जिस भाग मे रोग लगा हो वहां चाकू से खुरच कर बोर्डो पोस्ट भर दें। (450 ग्राम चूना, 450 ग्राम नीला थोथा, 4 लीटर पानी) तथा पाउडरी मिल्डयू से बचाव के लिय घूलनशील गंधक 0.3 का छिड़काउ किया जाये।

       पपीता के पौधे पूरक फलों के रूप में अन्य फलों के उद्यान में, सिंचाई नालियों तथा प्रक्षेत्र की सड़क तथा मेड़ों पर लगाये जाते हैं। इसकी फसल स्वतंत्र उद्यान के रूप में भी लगाई जाती है। स्वतंत्र उद्यान के रूप लगाई फसल के बीच में अंतर फसल के रूप में प्रथम 6 माह तक टमाटर, मैथी, धनियाँ, पालक, मिर्च, मटर आदि फसलें उगाईं जा सकती हैं। जिसके लिये अलग से खाद देनी चाहिये। पपीता फल से पपेन निकालने के लिये 75 से 90 दिन की आयु वाले विकसित कच्चे फलों में स्टील के धारदार चाकू से लम्बवत चीरा लगा दें इनसे दूध निकलता है जिसे एल्युमीनियम ट्रे में एकत्रित कर उसमें 5 ग्राम सोडियम या पोटेशियम मेटाबाई सल्फाईड मिलाकर ठण्डे स्थान में भंडारित करते हैं। फिर इस एकत्रित दूध को बैक्यूम शेल्फ ड्रायर या सोलर ड्रायर या सूर्य के प्रकाश में 500  डिग्री से ग्रे. तापक्रम पर एक घण्टे तक सुखा कर बोतलों में पैक कर दिया जाता है। इस प्रकार तैयार किया जाने वाला पपेन पूर्णतया स्वच्छ वातावरण में तैयार किया जाना चाहिये। पपेन, पपीता उद्यान से अतिरिक्त आय देता है। पपेन निकालने के पश्चात फलों के पोषक तत्वों में कोई हानि नहीं होती हैं।

पपीते की खेती की अनुमानित लागत, उत्पादन एवं आमदनी इस प्रकार है

भूमि की तैयारी-1400/-रूपये गड्डा खुदाई एवं भराई-7500/-रू. फल पौधों की कीमत-800/-रू. पौधों की स्केटिंग- 500/-रू. खाद एवं उर्वरक- 7500/-रू सिंचाई- 3000/-रू. पौध संरक्षण- 750/-रू. अन्तराशस्य- 600/-रू. अन्य - 500/-रू. इस प्रकार एक हेक्टेयर पर अनुमानित लागत 22,500/- रूपये। अब आमदनी की गणना की जाये तो प्रति हेक्टेयर आसत उत्पादन 45 टन, बाजार भाव 2000 रूपये प्रति टन की दर से मूल्य - 90000। अत: प्रति हेक्टेयर शुध्द आय - 67,450 रूपये होगी। है न फायदे का सौदा।