मंगलवार, जुलाई 28, 2009

जनपद पंचायत गोहद में संविदा शाला वर्ग 3 व प्रयोग शाला सहायक की सूची जारी

जनपद पंचायत गोहद में संविदा शाला वर्ग 3 व प्रयोग शाला सहायक की सूची जारी

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       जनपद पंचायत गोहद द्वारा संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 तथा प्रयोग शाला सहायक के पदों की भर्ती हेतु अनन्तिम सूची तथा प्रतीक्षा सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। उम्मीदवार जनपद पंचायत गोहद में उपस्थित होकर सूची का अवलोकन कर सकते है। इस सूची के संबंध में दावे आपत्तियां सूची प्रकाशन के 10 दिवस के अन्दर प्रस्तुत किये जा सकते है।

       जनपद पंचायत गोहद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रमेश सिंह भदौरिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत गोहद में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी 3 के 84 पद तथा प्रयोग शाला सहायक के 8 पदो के लिये क्रमश:8529262 कुल 8791 आवेदन प्राप्त हुये थे। प्राप्त आवेदनों के संलग्न सबिदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा (व्यापम) में कुल प्राप्तांकों का 40 प्रतिशत तथा नियम 6(9) ग उल्लेखित प्रशिक्षण के 20 अंक जोडकर घटते क्रम में मैरिट सूची तैयार की गई जिसमे वर्ग वार चयन सूची व एक पद के विरूद्व पॉच पदों की प्रतीक्षा सूची का अनंन्तिम प्रकाशन किया गया। सूची आवेदन पत्रों के संलग्न दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई है। प्रकाशित की गई चयन सूची में अनारक्षित अन्य प्राप्तांक 93.42 से 84.35 व महिला 91.74 से 76.87, अस्थि वांधित 89.30 से 84.39, दृष्टि वांधित 85.65, तथा भूतपूर्व सैनिक 42.79 से 33.2 तक रहे। इसीप्रकार प्रवर्ग अजा में अन्य 76.92 से 71.92 तथा महिला 73.54 से 59.30, विकलांग 58.52 रहे। अजजा में 46.92 प्रवर्ग पिछडा वर्ग में अन्य 85.15 से 83.44 तथा महिला 74.42 से 67.69, दृष्टि वांधित 66.92 तक चयन किया गया है।

       प्रयोग शाला सहायक अनारक्षित अन्य 90.10 से 77.69, महिला 76.87 से 70.92, अजा अन्य 74.44 एवं महिला 60.31 तथा पिछडा वर्ग 80.95 तक रहे। प्रतीक्षा सूची अनारक्षित अन्य 84.31 से 74.46 तक तथा अनारक्षित महिला 76.84 से 64.49 तक, अस्तवाधित 82.69 से 76.38 तक, दृष्टिबाधित 77.64 से 36.21 तथा भूतपूर्व सैनिक 32.19 तक रहे। प्रवर्ग अजा में अन्य 71.89 से 65.17 तक तथा महिलाएं 63.69 से 48.57 तक, अस्तवाधित 56.90 से 51.16 तक। प्रवर्ग अजजा में 45.32 से 30.31 तक प्रवर्ग पिछडा वर्ग अन्य में 82.67 से 76.09 तक महिला 66.04 से 56.94 तक व दृष्टिवाधित 49.44 से 37.09 तक रहे। प्रयोग शाला सहायक- अनारक्षित अन्य 84.31 से 73.61, महिला 76.09 से 56.07, अबा 67.74 से 43.74 प्रवर्ग अजा अन्य 65.32 से 56.87 तथा महिला 60.29 से 44.46 प्रवर्ग पिछडा वर्ग अन्य 70.24 से 61.85 तक उपरोक्त अनंतिम सूची के प्रकाशन दिनांक से 10 दिवस की अवधि में दावे आपत्तियां आमंत्रित की गई है इस हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। संबंधित आवेदक अपनी आपत्तियां लिखित रूप से कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद में दर्ज करा सकते है साथ ही चयन समिति द्वारा सभी दस्तावेजों की पृथक से जांच कराई जा रही है। जांच में कूट रचित या फर्जी दस्तावेज पाये जाने पर संबंधित का नाम सूची से हटाकर आवेदक के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।

 

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष आज आएगी

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष आज आएगी

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       म.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कृष्णकांता तोमर 29 जुलाई 09 को  9.30 बजे भिण्ड आएगी। श्रीमती तोमर 30 जुलाई को प्रात:9 बजे दस्यु पीड़ित महिलाओं के तीन प्रकरणों की जांच करेगी। श्रीमती तोमर दिनांक 31 जुलाई को प्रात:11 बजे जिला पंचायत सभागार में शिविर का आयोजन में भाग लेगी।

 

योजनाओं का क्रियान्यन प्रभावी ढंग से करे- श्री कुशवाह

योजनाओं का क्रियान्यन प्रभावी  ढंग से करे- श्री कुशवाह

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       शासकीय अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से करें। योजनाओं के क्रियान्वयन में नीबू न बने। यह बात म.प्र. राज्य पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री बाबूलाल कुशवाह भानपुरा ने योजनाओं की समीक्षा बैठक में कही । बैठक में कलेक्टर श्री के.सी.जैन, एडीएम श्री छोटेसिंह सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

       अध्यक्ष श्री कुशवाह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग क्षैत्र के व्यक्तियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाऐ संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे।  इस कार्य हेतु आंगनबाडी कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार, पटवारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवायें भी ली जावे। वह ग्रामीण क्षैत्रों में भ्रमण के दौरान हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी देवें।

       पिछडा वर्ग आयोग अध्यक्ष श्री कुशवाह ने पिछडा वर्ग कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की विभागवार विस्तृत समीक्षा की और अधिकारियों से योजनाओं का लाभ जरूरत मंदों तक पहुंचाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्री मेट्रिक, पोस्ट मेट्रिक और प्रावीण्य छात्रावृत्ति योजना संचालित की जा रही है। पोस्ट मेट्रिक कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिये छात्रगृह योजना भी चलाई जा रही है तथा विदेशों में अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर संघ लोक सेवा आयोग के प्रतिभागियों को एक लाख रूपये और राज्य लोक सेवा आयोग के प्रतिभागियों को 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है। हितग्राहियों को स्वरोजगार की स्थापना के लिए पांच लाख रूपये के ऋण 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर प्रदाय किये जाते है। 

       कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि भिण्ड जिले में इस वर्ष मात्र 113.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई जो कि जनवरी पिछले वर्ष इस अवधि में 651 मी.मी वर्षा दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि कृषकों को कम वर्षा में पैदा की जाने वाली फसलों की सलाह दी जा रही है। जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत 406 कन्याओं का विवाह कराया जा चुका है जिन्हें 26 लाख 32 हजार की राशि प्रदान की गई है जननी सुरक्षा योजना के तहत 4 हजार 204 माताओं को 73 लाख 48 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा चुकी है। दीनदयाल उपचार योजना के अन्तर्गत 521 मरीजों को 34 हजार 737 रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत 876 बालिकाओं के 2 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की गई है।

 

जन सुनवाई : शासकीय जमीन बेचने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश, ग्राम रिदोली का पटवारी निलंबित

जन सुनवाई : शासकीय जमीन बेचने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश, ग्राम रिदोली का पटवारी निलंबित

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       जन सुनवाई के अन्तर्गत जमीनी से सम्बन्धित प्रकरणों की सुनवाई प्रारंभ करने के परिणाम सामने आने लगे है। इसी कड़ी में आज कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर श्री के.सी. जैन के समक्ष लहार तहसील के ग्राम ररी की शासकीय पाठशाला की भूमि के अवैध विक्रय की शिकायत प्रकाश में आई। कलेक्टर श्री जैन ने एसडीएम लहार को प्रकरण के संबंध में तुरंत जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दूरभाष पर दिये गये। एसडीएम द्वारा प्रकरण की हेराफेरी की शिकायत सही पाये जाने पर कलेक्टर द्वारा सम्बन्धित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने तथा शासकीय भूमि की रजिस्ट्री  विना जांच के करने वाले उप पंजीयक के खिलाफ विभागीय जांच स्थापित कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अटेर विकास खण्ड के ग्राम रिदोली के पटवारी की ग्रामीणों द्वारा सामूहिक शिकायत करने पर पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा पति द्वारा परेशान करने की शिकायत पर पति के खिलाफ डीएफआर दर्ज कराने हेतु प्रकरण तैयार करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए है। जन सुनवाई के दौरान प्रदेश के पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री बाबूलाल कुशवाह भानपुरा भी उपस्थित थे। जन सुनवाई के दौरान विभिन्न मॉग और समस्याओं से सम्बन्धित 537 आवेदन पत्र प्राप्त हुये।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि सभी जिलाधिकारी जन सुनवाई के प्रकरणों को निराकरण गंभीरता से करें तथा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। उन्होंने भिण्ड नगरीय क्षेत्र में नवीन राशन कार्डो पर राशन वितरण न करने की शिकायतों पर सहायक खाद्य अधिकारी से प्रकरणों की वास्तविकता के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर श्री जैन ने निर्देश दिए कि जिले को आवंटित कोटे के आधार पर सामग्री का युक्तिकरण करें जिससे सभी राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न प्राप्त हो सकें। सहकारी समिति लावन द्वारा अप्रेल माह से मिट्टी के तेल का वितरण न करने की शिकायत पर खाद्य अधिकारी को तुरंत जांच के निर्देश भी दिए।

       जन सुनवाई के इसी क्रम में कलेक्टर श्री जैन ने तहसील लहार के ग्राम ररी की शासकीय पाठ शाला की भूमि का सर्वे नम्बर 961 रकवा 02 की फर्जी तरीके से ग्राम के 2 व्यक्तियों द्वारा मार्च 09 में एक लाख चार हजार रूपये में विक्रय कर देने की शिकायत प्राप्त हुई श्री जैन ने एसडीएम लहार से दूरभाष पर ही प्रकरण के वास्तविक तथ्यों के विषय में जानकारी प्राप्त की गई। एसडीएम द्वारा राजस्व निरीक्षक व पटवारी की रिपोर्ट के बाद संबंधित व्यक्तियों के विरूद्व अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने तथा कूट रचकर शासकीय भूमि की रजिस्ट्री करने वाले उप पंजीयक मिहोना के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर विभागीय जांच स्थापित करने के निर्देश भी दिए है।

       श्री जैन के बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने वाले पत्नि को परेशान करने वाले रविन्द्र कुमार पुत्र राजकुमार श्रीवास्तव ग्राम पंचायत पचोखरा के खिलाफ डीआईआर प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश भी दिए है।

 

छात्रों के जाति प्रमाण पत्र स्कूल में ही बनाये जायें, स्थाई जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ संलग्न न करे

छात्रों के जाति प्रमाण पत्र स्कूल में ही बनाये जायें, स्थाई जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ संलग्न न करे

भिण्ड 28 जुलाई 2009

       अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को जाति प्रमाण पत्र हेतु एसडीएम कोर्ट में चक्कर लगाने से निजात मिलेगी, इस आशय के आदेश कलेक्टर श्री के.सी.जैन द्वारा जारी कर दिए है। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण संबंधित शैक्षणिक संस्था के माध्यम से बनाये जावेगें, संस्था में ही प्रमाण पत्रों का वितरण सुनिश्चित किया जावेगा। जिन शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा छात्रों के जाति प्रमाण पत्र तैयार करने में कोताही बरती जावेगी, उनके शाला प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की जावेगी।

       कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रदाय किये जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। जिसके तहत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के संबंध में कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जिसमें जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 11 जुलाई 2005 में जारी शासन के निर्देशों के अनुसार जाति प्रमाण पत्र के आवेदन फार्म विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शासकीय अशासकीय शालाओं में वितरित किये जाये तथा स्कूलों में संपूर्ण प्रविष्टि एवं सत्यापन उपरांत आवेदन फार्म शाला में जमा कर शालाओं के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा किये जाये। विकास  खण्ड  शिक्षा  अधिकारी  समस्त फार्म एवं रजिस्टर स्कूलों के अनुसार तहसील कार्यालय में जमा करेगें। तहसील में जांच उपरांत तीन माह में स्थाई जाति प्रमाण पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी किये जायेगें। जांच एवं वितरण हेतु कैम्प लगाये जायेगें जाति  प्रमाण  पत्र  प्राप्त करने हेतु भू अभिलेख रिकार्ड प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नही होगी। जाति प्रमाण एक बार जारी होने के बाद शिक्षण संस्थाओं द्वारा छायाप्रति ही जमा की जायेगी। मूल जाति प्रमाण पत्र जमा नही करेगें स्थाई प्रमाण पत्र एक ही बार जारी किया जायेगा तथा लेमीनेशन उपरांत प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त बैठक में स्थल निरीक्षण एवं जाति प्रमाण पत्र सत्यापन हेतु अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम 1995 के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हेतु अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया गया।

 

आत्मनिर्भरता ने आखिर बना ही दिया निर्धन महिलाओं को अपने परिवार का सहारा

आत्मनिर्भरता ने आखिर बना ही दिया निर्धन महिलाओं को अपने परिवार का सहारा

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शहडोल 27 जुलाई 2009. उन महिलाओं की पृष्ठभूमि मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में झगरहा गांव और उनके शुरूआती तंगहाल जीवन को देख कोई नहीं कह सकता था कि वे कभी सफल होंगी । आर्थिक अभावों और बिरादरी की आलोचना झेलने के बावजूद अपना मुकाम हासिल करने के लिए अपना जुनून बरकरार रखते हुए ये महिलाएं इनदिनों केंचुआ खाद से अपने सुनहरे भविष्य का तानाबाना बुनने में जुटी हैं ।

       पहले झगरहा के बेहद गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाली इन दस महिलाओं का चेहरा घूंघट में और कदम घर की चौखट के अन्दर रहा करते थे । लेकिन इन महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और कृषि क्षेत्र में कम लागत में भरपूर उत्पादन लेने के मकसद से कृषि विभाग ने 2004 में इन दस सदस्यीय महिलाओं का कृष्णा स्वसहायता समूह बनवाया । समूह के जरिए इस तरह काम करना शुरू-शुरू में तो इनके पतियों को नहीं भाया और उन्होंने इनका विरोध किया । गांववालों को भी उनका घूंघट से चेहरा बाहर निकालकर यों आत्मनिर्भर होना रास नहीं आया । लेकिन महिलाओं के आगे उनकी एक नहीं चली और महिलाओं ने घर की चौखट के बाहर कदम रख ही दिए और घूंघट से चेहरा बाहर निकाल लिया ।

       कृषि विभाग ने उन्हें केंचुआ खाद उत्पादन तथा मौसमी फसलें लेने का प्रशिक्षण दिलाया और उनके घरों में वर्मी टांके बनवाए तथा उन्हें केंचुआ उपलब्ध कराए । महिलाओं के दिन तब पलटे, जब उन्हें केंचुआ खाद से आमदनी होने लगी । जो पति कभी उनका विरोघ किया करते थे, फिर वही उनके सहयोगी बन गए और उनके काम में हाथ बंटाने लगे । वे दिन भी थे, जब उनके पतियों को परिवार की जरूरतों की पूर्ति के लिए साहूकारों की डयोढ़ी पर कर्ज लेने जाना पड़ता था और उन्हें कर्ज के भंवर में निरंतर गोते लगाते रहना पड़ता था ।

       लेकिन अब उन्हें साहूकारों की जरूरत नहीं रही । अब वे महिलाएं अपने स्वसहायता समूह से ही कर्ज ले लेती हैं । उनकी गांठ में चार पैसे हो जाने से अब उनका परिवार अच्छी तरह खा-पी और पहन -ओढ़ रहा है । उन्होंने अपने मकान के पिछबाड़े के हिस्से को केंचुआ खाद इकाई में तब्दील कर दिया है । सरकारी मदद से शुरू हुआ उनका यह उपक्रम पारिवारिक कारोबार में तब्दील हो गया और वे हर माह तीन-चार क्विंटल केंचुआ खाद का उत्पादन कर लेती हैं । वे केंचुआ खाद बेचने के साथ-साथ अपने पुरखों की खेती की थोड़ी-बहुत जमीन पर भी बचे खाद का इस्तेमाल कर लेती हैं । कृषि विभाग से  सीखी उन्नत तकनीक से वे खेती भी कर रही हैं ।

       कइयों के लिए उनकी सफलता चकरानेवाली हैं, क्योंकि समूह प्रति वर्ष केंचुआ खाद और केंचुओं की बिक्री से डेढ़-डेढ़ लाख रूपये कमा लेता हैं । समूह की हर माह नियमित बैठक होती है । गांववाले समूह की महिलाओं को केंचुआवाली बड़ी नेता कहकर संबोधित करने लगे हैं । ये महिलाएं समाज में बदलते  मूल्यों और लोगों की संकुचित सोच के बावजूद अपनी मंजिल तलाशकर समाज को नई दिशा दे रही हैं । पारिवारिक या सामाजिक सरोकार निभाने में लिंग भेद आड़े नहीं आता । इस बात को इन महिलाओं ने सच कर दिखाया है । वे न केवल अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने में योगदान दे रही हैं, बल्कि समाज की भलाई के बारे में भी सोच रही हैं । स्वरोजगार से आत्मनिर्भर होकर ये महिलाएं हर माह अच्छा खासा कमा लेती हैं । उनका केंचुआ खाद छत्तीसगढ़ तक जा रहा है । कुल मिलाकर उनका खाद और केंचुआ कई शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है । वे खाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देती हैं तथा उसकी कीमत भी कम रखी गई है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती राधा विश्वकर्मा अपने मोबाइल 9630892207 पर  खाद का आर्डर बुक करती हैं ।

       समूह की अध्यक्ष श्रीमती राधा विश्वकर्मा कहती हैं कि सरकार ने तो हमारी बुध्दि खोल दी, जो आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं और बड़े-बड़े अधिकारियों से बातें कर लेते हैं । समूह की कोषाध्यक्ष श्रीमती रूकमणी बताती हैं कि समूह से हमारी जिन्दगी बदल गई । समूह की सचिव सुमन केवट पिछली परिस्थितियों को याद करके बताती हैं,'' पहले हमारे सामने बहुत मुसीबतें थी । अब जिन्दगी अच्छी तरह चल रही है ।''

       कृषि विभाग के उप संचालक श्री के. एस. टेकाम कहते हैं कि समूह से जुड़ी महिलाओं को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के मकसद से पहल की गई है । विभाग ने इस गांव को गोद लिया था, जिससे उन्हें कम लागत में कृषि उत्पादन लेने का तकनीकी ज्ञान दिया जा सके । अपने मकसद में यह योजना कामयाब रही है ।

       आज ये महिलाएं अपनी मेहनत के बलबूते रोजगार के लिए लालायित गांव की गरीब महिलाओं की प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं । उनकी आमदनी से प्रेरित होकर गांव में महिलाओं के तीन स्वसहायता समूह और बन गए हैं । कृष्णा स्वसहायता समूह की महिलाएं अपने कारोबार को 10 लाख रूपये तक सालाना पहुंचाना चाहती हैं । सरकारी मदद से अपनी राह खुद बनाने वाली इन महिलाओं के लिए सफलता का मूलमंत्र संघर्ष है ।