शनिवार, अगस्त 08, 2009

जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक 10 अगस्त को

जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक 10 अगस्त को

भिण्ड 7 अगस्त 2009

       जिला रोगी कल्याण समिति शासीनिकाय की बैठक दिनांक 10 अगस्त 09 को प्रात: 11 बजे कलेक्टर श्री के.सी. जैन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई है। बैठक में जिला चिकित्सालय में हो चुके निर्माण कार्यो की समीक्षा, प्रस्तावित कार्यो की स्वीकृत एवं अन्य विषय अध्यक्ष की अनुमति पर चर्चा की जावेगी। बैठक में निर्धारित तिथि व समय पर उपस्थित रहना सुनिश्चित करेंगें।

 

जिले मे मात्र 188 चिकित्सक पंजीकृत , शेष के खिलाफ चलाया जावेगा अभियान

जिले मे मात्र 188 चिकित्सक पंजीकृत , शेष के खिलाफ चलाया जावेगा अभियान

भिण्ड 7 अगस्त 2009

       राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में फर्जी चिकित्सा व्यवस्था के उन्मूलन हेतु कलेक्टर श्री के.सी.जैन के निर्देश पर अपात्र चिकित्सकों की सूची तैयार की गई है। इण्डियन मेडीकल कॉसिल एक्ट 1956 की धारा 15(2) में उल्लेखित उपवन्धों के अनुसार प्रदेश में केवल वही व्यक्ति एलोपेथिक चिकित्सा पद्वति में चिकित्सा व्यवसाय कर सकता है जिसका नाम मध्यप्रदेश आयुविज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 11के अन्तर्गत संधारित राज्य चिकित्सक रजिस्टर में अंकित होकर वह व्यक्ति मध्यप्रदेश मेडीकल कॉसिल द्वारा एक चिकित्सा व्यवसायी के रूप में पंजीबद्व है।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा एनसी गुप्ता ने बताया कि जिले में तीन प्रकार की चिकित्सा पद्वति के तहत चिकित्सक गण सेवारत है। एलोपैथिक चिकित्सा पद्वति भारतीय चिकित्सा पद्वति, होमियों पैथी एवं बायोकेमिक  चिकित्सा पद्वति के तहत कार्यरत है। जिले में कराये गये सर्वे के उपरांत 188 चिकित्सक गण पंजीकृत पाये गये है।

       विकास खण्ड लहार एंव रौन के अन्तर्गत डा गुरूदास विश्वास मिहोना, डा मेघसिंह कुशवाह रौन, डा कृपेन्द्र सिंह भदौरिया मछण्ड, डा केशव प्रसाद शर्मा रोन, डा किशन सिंह अरोरा मिहोना, डा महबूब खान मछण्ड, डा जगदीश जादौन रौन,डा राधामोहन गुप्ता मिहोना, डा इन्दल सिंह कुशवाह रौन, डा वीरेन्द्र सिंह कुशवाह मछण्ड, डा हरनारायण शर्मा दबोह, डा लाखन सिंह पाल रौन, डा दशरथ प्रसाद रौन अचलपुरा, डा उमाशंकर गुप्ता दबोह, डा बद्रीप्रसाद सेठ दबोह, डा अवध किशोर दबोह, डा श्रीमती सत्येन्द्र कौर दबोह, डा गुरूमुख चावला दबोह, डा सर्वेश कुमार कुशवाह मिहोना, डा मदनलाल अग्रवाल दबोह, डा गोविन्द शरण गुप्ता लहार, डा भगवती शरण दबोह, डा ओमप्रकाश कौरव दबोह, डा दुलालचन्द्र दबोह, डा केआर कुशवाह जमुआ, डा बालकराम गुप्ता लहार, डा सुरेश चन्द्र शर्मा लहार, डा विनोद कुमार तिवारी लहार, डा नारायण दास गुप्ता आलमपुर, डा ज्ञानस्वरूप शर्मा मेहरा, डा रामप्रकाश द्विवेदी आलमपुर, डा ओमप्रकाश श्रीवास्तव लहार, डा केशव सिंह आलमपुर, डा कृष्णस्वरूप पुरोहित लहार, डा सहादत्त खान आलमपुर, डा कृष्ण स्वरूप पुरोहित आलमपुर, डा भवर सिंह कुशवाह रौन, डा मोहन लाल मुसलिया लहार, डा गिरिन्द्र सिंह कुशवाह रौन, डा ज्ञानस्वरूप गोस्वामी लहार, डा नन्दीराम रहावली, डा नूरखान गौरी आलमपुर, डा दीपांकर विश्वास मिहोना आदि।

 विकास खण्ड भिण्ड के अन्तर्गत डा मनीलाल जैन बंगला बाजार, डा रामशंकर बौहरे अटेर रोड, डा राजेन्द्र भिण्ड, डा विनोद सक्सैना भिण्ड, डा एसएम माहेश्वरी भिण्ड, डा डीके जैन, डा मोहन दास अग्रवाल भिण्ड, डा सुशील कुमार गुप्ता, डा गुलाब सिंह, डा केएल माहेश्वरी भिण्ड, डा जगदीश सविता भिण्ड, जतनसिंह कुशवाह लहार, डा जयगोपाल सिंकदर भिण्ड, डा राममोहन श्रीवास्वत पावई, डा खेमराज शर्मा, डा अनिल कुमार शुक्ल,डा उमाशंकर, डा रामनारायण गुप्ता, डा कैलाश नारायण मिश्रा, डा टीकाराम नरवरिया, डा बाबूराम जैन, डा कैलाश नारायण चौधरी, डा रमेश चन्द्र जैन, डा एसके जैन भिण्ड, डा वीरेद सिंह कुशवाह दबोह भिण्ड, डा ब्रहम किशोर मिश्रा डा वासुदेव नरवरिया, डा हरीश चन्द्र छीगडा, डा जेएस चावला, डा एमके जैन, डा रमेश पाराशर भिण्ड, डा भवर सिंह पढोरा, डा वीरेन्द्र पाण्डे ऊमरी, डा नाथूराम राठौर ऊमरी, डा अबीब खान नयागांव, डा अनिल कुमार जैन, डा नरेन्द्र बाबू शर्मा, डा बलवीर सिंह अरोरा, डा ओमप्रकाश ओझा, डा स्वरूप चन्द्र जैन, डा टीकाराम गर्ग, डा अशोक कुमार जैन, डा मुन्नालाल जैन, डा रामप्रसाद सिंह कुशवाह, डा मानिक चन्द्र जैन, डा   अशोक कुमार खण्डेलवाल, डा राजेन्द्र सिंह जैन, डा रामदास खेंगर, डा सुशीला जैन, डा आशुतोष जोशी, डा अरविन्द दुबे, डा ब्रजेन्द्र कुमार दीक्षित, डा रामप्रकाश शुक्ला, डा मोहनदास तिवारी, डा रविन्द्र बाबू मिश्रा वनखण्डेश्वर रोड, डा शिवकुमार, डा सत्यदेव जैन, डा रामप्रकाश अग्रवाल महावीर  गंज,  डा  ग्यासीराम वर्मा अटेर रोड, डा रामवीर सिंह लक्षाकार ऐतहार, डा रामसेवक भदौरिया जवाहर कॉलोनी भिण्ड, डा सुनील कुमार शर्मा जेल रोड, डा बालक राम सराय का पुरा, डा शातिस्वरूप चौपडा भिण्डद्व डा अनिल कुमार जैन हाउसिंग कौलौनी, डा गजेन्द्र गंधर्व भिण्ड, डा कमल किशोर गुप्ता किला रोड भिण्ड आदि शामिल है।

       विकास खण्ड गोहद के अन्तर्गत डा मेहश शर्मा गोहद, डा रामनरेश सिंह तोमर गोहद चौराहा, डा मुन्नालाल वर्मा, डा एमपी लहारिया, डा राजीव गुप्ता, डा एसके शर्मा गोहद, डा देवेन्द्र सिंह कुशवाह मालनपुर, डा उदयवीर सिंह भदौरिया मालनपुर, डा अमर सिंह ओझा, डा रामअवतार शर्मा, डा बीएम दिनकर, डा कमल किशोर गुप्ता, डा बलवीर सिंह, डा राजेन्द्र कुमार शर्मा, डा नरेश वर्मा गोहद, डा रामनरायण शर्मा झांकरी, डा अशोक कुमार खरे, डा जसवीर सिंह अरोरा, डा एमपी गौड गोहद शामिल है।

       विकास खण्ड मेहगांव के अन्तर्गत डा इन्द्रसेन जैन अमायन, डा विनय कुमार जैन गोरमी, डा दिनेश कानिया गोरमी, डा जनवेद सिंह राठौर मेहगांव, डा चुन्नीलाल गोरमी, डा बादशाह सिंह गुर्जर मेहगांव, डा कालीचरण राठौर मेहगांव, डा रामसनेही कुशवाह मौ, डा रंजीत सिंह छावडा गोरमी, डा रशीद खान गोरमी, डा अशोक राजपूत मौ, डा उदयसिंह तोमर अमायन, डा सतीश तिवारी मेहगांव, डा गिरीश चन्द्र गोरमी, डा दीवान सिंह मेहगांव, डा ओमप्रकाश शिवहरे गोरमी, डा सुरेश कुमार शर्मा मौ, डा शोभा शास्त्री मेहगांव, डा लाखन सिंह नरवरिया गोरमी, डा बाबूलाल जैन अमायन, डा शांतिलाल जैन मेहगांव, डा सोवरन सिंह तोमर अकलोनी, डा नीलम सिंह गोरमी, डा गजेन्द्र नरवरिया कालीपुरा, डा इन्द्रसेन जैन अमायन, डा रामप्रकाश शर्मा अधियारी खुर्द, डा रतनचन्द्र जैन गोरमी, डा रामसेवक भदौरिया मेहगांव, डा प्रदीप श्रीवास्तव कनाथर, डा जनक सिंह नरवरिया गोरमी, डा श्रीनारायण त्रिपाठी मेहगांव, डा आनन्द सक्सैना मेहगांव, डा महिपाल सिंह चौहान सोनी, डा अशोक कुमार श्रीवास्तव अमायन, डा गिरिश शरण दीक्षित गोरमी, डा हुकुम सिंह नरवरिया गोरमी, डा कोकसिंह भदौरिया मेहगांव अकलोनी, डा नरेश कुमार शर्मा गोरमी, डा सुनम कुमार मिश्रा गोरमी, डा रामसनेही संखवार सोखीपुरा मेहगांव, डा बनवारी लाल कुशवाह मौ आदि शामिल है।

विकास खण्ड अटेर के अन्तर्गत डा दूधनाथ पाण्डेय फूफ, डा रामवीर लक्षाकार ऐतहार, डा जवर सिंह नरवरिया महापुर अटेर, डा महेश प्रसाद शुक्ल अटेर, डा रामबाबू श्रीवास्तव फूफ, डा रामगोपाल नरवरिया अटेर, डा शंकर सिह भदौरिया उदोतगढ, डा ब्रजकिशोर शर्मा पिथनपुरा, डा श्याम सुन्दर त्रिपाठी सुरपुरा, डा ब्रजनारायण त्रिपाठी फूफ, डा अशोक कुमार जैन परा, डा राजेन्द्र सिंह फूफ,डा प्रवेश कुमार फूफ, डा भरत सिंह नरवरिया पिथनपुरा, डा जुगलकिशोर दैपुरिया बरोही, डा अजमेर सिंह नरवरिया पुरा अटेर, डा मुनीर खान फूफ, डा राममोहन श्रीवास्तव पावई अटेर आदि शामिल है।

 

अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों हेतु 10 अगस्त को कलेक्टर द्वारा खुला मंच

अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों हेतु 10 अगस्त को कलेक्टर द्वारा खुला मंच

भिण्ड 7 अगस्त 2009

       कलेक्टर श्री के.सी. जैन ने निर्देश दिए है कि अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण 10 अगस्त09 तक  सुनिश्चित किया जावेगा। आवेदक को उक्त अवधि में नौकरी का प्रस्ताव दिया जावे या शासन द्वारा निर्धारित नगद क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जावे। कलेक्टर द्वारा 10 अगस्त को अनुकम्पा नियुक्ति के सभी लंबित प्रकरणों के आवेदकों को खुले मंच पर आमंत्रित किया है। उनका मौके पर ही निराकरण किया जावेगा।

       कलेक्टर श्री केसी जैन ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जावे। इन प्रकरणों के निराकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा भी विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये है उनका कडाई से पालन किया जावे। श्री जैन ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण प्राथमिक  तौर पर संबंधित विभाग के द्वारा ही अपने विभाग में ही नियुक्ति दिए जाने का प्रयास किया जावे। जिन विभागों के पास पद रिक्त नही है उन प्रकरणों को ही कलेक्टर के पास भेजा जावे। अनुकम्पा नियुक्ति के लिए संविदा शाला शिक्षकों के रिक्त पदों पर प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति की जावे। अगर आवेदक द्वारा संविदा शाला शिक्षक के रूप नियुक्ति लेने से इंकार किया जाता है तो उनसे लिखित में असहमति प्राप्त करे तथा शासन निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति राशि के रूप में प्रदान की जावे।

       श्री जैन ने अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों के परीक्षण हेतु जिला शिक्षा अधिकारी जिला संयोजक व जिला कोषालय अधिकारी संयुक्त समिति गठित की गई है।

       उन्होंने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति हेतु नियमित पद रिक्त न होने एवं जिन आवेदकों द्वारा संविदा शाला शिक्षक के पद पर जाने की सहमति नही दी जाती है अथवा सहमति दी जाती है परंतु संविदा शाला शिक्षक के पद उपलब्ध नही होते है तो इस आशय की लिखित सहमति के आधार पर दिवंगत शासकीय कर्मचारी द्वारा अंतिम आहरित वेतन अनुकम्पा नियुक्ति के स्थान पर दिवंगत शासकीय सेवको के पति, पत्नी या उनके न होने पर परिवार के सदस्यों की सर्व सम्मति से नामांकित व्यक्ति को दिया जावे। इस प्रकार दिया जाने वाला अंतिम वेतन 05 वर्षो तक अथवा दिवंगत शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति की अवधि तक जो भी पहिले हो, तक जारी रखा जावेगा। इस अवधि 5 वर्ष अथवा सेवा निवृत्ति की अवधि के पश्चात मृतक कर्मचारी के नामांकित को नियमानुसार परिवार पेंशन की पात्रता होगी परंतु अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नही होगी। यह लाभ तभी दिया जावेगा जब मृतक का  परिवार अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पात्रता रखता हो। जिन प्रकरणों में आवेदकों की पात्रता केवल चतुर्थ श्रेणी की है उनमें इस श्रेणी के पद उपलब्ध न होने पर अथवा चतुर्थ श्रेणी की भी योग्यता नही होने पर उन्हें अनुकम्पा नियुक्त के बदले एक मुश्त एक लाख रूपये की राशि संबंधित विभाग, कार्यालय द्वारा प्रदान की जाकर अनुकम्पा नियुक्त का प्रकरण निराकृत माना जाये, अनुकम्पा नियुक्ति हेतु नियमित पद उपलब्ध न होने एवं संविदा शाला शिक्षक के पद पर असहमति व्यक्त करने पर उनके नियुक्ति संबंधी आवेदन व अंतिम वेतन प्राप्त करने का क्लेम विभाग, कार्यालय द्वारा निरस्त कर नस्ती किए जावेगें।

 

देश तोड़ने की कोशिश में लगे दक्षिणपंथी विचारधारा के यह लोग

देश तोड़ने की कोशिश में लगे दक्षिणपंथी विचारधारा के यह लोग

निर्मल रानी, 163011, महावीर नगर,  अम्बाला शहर,हरियाणा email: nirmalrani@gmail.com nirmalrani2000@yahoo.co.in nirmalrani2003@yahoo.com  फोन-98962-93341 

 

       भारत का प्रत्येक नागरिक अपने भारतीय होने पर गौरवान्वित महसूस करता है। निश्चित रूप से प्रत्येक देश का नागरिक अपने देश पर तथा अपने देश का वासी होने पर शायद उतना ही गर्व करता होगा जितना कि कोई भारतीय नागरिक करता है। परन्तु नि:सन्देह हमारे देश की कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो हमें अन्य देशों से कुछ न कुछ अलग रखती हैं। उदाहरण के तौर पर दुनिया के किसी भी देश के बारे में हम आसानी से यह कह सकते हैं कि अमुक देश ईसाई देश है या मुस्लिम देश है अथवा बौद्ध बाहुल्य राष्ट्र है। परन्तु भारत सर्वधर्म सम्भाव की नीतियों पर चलने वाला एक ऐसा अनूठा देश है जिसकी दुनिया में पहचान ही अनेकता में एकता को लेकर है। भाषा के लिहांज से भी यदि देखा जाए तो जितनी भाषाएं हमारे देश में प्रचलित हैं, उतनी शायद अन्य किसी देश में नहीं। कहने का तात्पर्य यह है कि दुनिया में हमारे देश की छवि एक उदारवादी, वसुधैव कुटुम्बकम का परचम बुलंद करने वाले तथा अनेकता में एकता का प्रदर्शन करने वाले एक महान राष्ट्र के रूप में है, न कि किसी दक्षिणपंथी विचारधारा का अनुसरण करने वाले राष्ट्र के रूप में। हमारी इसी एकता ने हमें आज उस स्थान तक पहुंचा दिया है कि आज दुनिया के बड़े से बड़े देश हमें अपने बराबर का महत्व देने लगे हैं। शायद इंकबाल ने इसी सोच से प्रेरित होकर लिखा था कि- 'कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा॥' परन्तु दुर्भाग्यवश इसी देश के कुछ समाज विभाजक तत्व जोकि अपने चेहरों पर कभी खांटी हिन्दुत्व का चेहरा लगाए नंजर आते हैं तो कभी राष्ट्रवाद का ढोंग करते दिखाई देते हैं। कभी यह शक्तियां धार्मिक उन्माद फैलाने जैसी योजनाओं में संलिप्त दिखाई देते हैं तो कभी जातिवादी तनाव फैलाने में इन्हें सक्रिय देखा जा सकता है। इन्हें देखकर तथा इनकी राष्ट्रविरोधी व समाज विभाजक कारगुंजारियों को देखकर तो ऐसा लगने लगता है जैसे कि देश को इनके रहते हुए किसी दुश्मन की जरूरत ही नहीं है। विडंबना तो यह है कि समाज विभाजक व राष्ट्रविरोधी यह शक्तियां बिंदास तरींके से अपने ंजहरीले मिशन को आगे बढ़ाती जा रही हैं और हमारी सरकारें हैं कि आंखें मूंदकर यह सब कुछ देखती व सहन करती जा रही हैं। परिणामस्वरूप इन समाज व राष्ट्रविरोधी शक्तियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं तथा दिन-प्रतिदिन यह दक्षिणपंथी तांकतें और मंजबूत होती जा रही हैं। दक्षिणपंथी विचारधारा के परवान चढ़ने की अधिकांश ंखबरें दुर्भाग्यवश उन्हीं राज्यों से आ रही हैं, जहां इसी विचारधारा के लोग सत्ता पर काबिंज हो चुके हैं।

              उदाहरण के तौर पर गत् दिनों रक्षाबंधन के दिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के समीप एक प्रसिद्ध एवं प्राचीन हनोल मंदिर में राखी पूजा करने गई एक दलित महिला को वहां के पुजारियों ने खूब पीटा तथा उसे निर्वस्त्र कर दिया। उस अबोध दलित युवती का कुसूर केवल इतना था कि वह दलित समुदाय के लिए निर्धारित सीमा का उल्लंघन कर धक्का मुक्की की वजह से उस क्षेत्र में दो कदम आगे बढ़ गई थी जोकि तथाकथित उच्च जाति के लोगों के लिए निर्धारित था। देहरादून के कलसी राजस्व पुलिस चौकी में इस सिलसिले में मामला दर्ज कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की कोशिश की जा रही है। जबकि पूरे क्षेत्र में इस घटना को लेकर तनाव फैलने का समाचार है। ंजरा सोचिए कि श्रद्धा और विश्वास से भरी एक युवती जो राखी पूजा के लिए मंदिर जाती है तथा अपने को उच्च जाति का समझने वाला कोई पाखंडी पुजारी उसे मारता-पीटता तथा निर्वस्त्र कर देता है, इस घटना से   आपको कहीं वसुधैव कुटुम्बकम या सर्वधर्म सम्भाव जैसी कोई बात नंजर आती है जो हमें यह संदेश दे सके कि यही हमारे राष्ट्र की विशेषता है? या फिर इस प्रकार की हरकतें करने वाले अपनी संकुचित, तुच्छ एवं घटिया सोच का प्रदर्शन कर अपने आप को समाज विभाजक तत्वों के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। देश के किसी न किसी कोने से लगभग प्रतिदिन ऐसे हादसों की ंखबरें आती ही रहती हैं जिनसे हमें इन दक्षिणपंथी सोच रखने वालों के घटिया कारनामों का पता चलता रहता है।

              इन दिनों कर्नाटक में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को बदनाम करने का ठेका श्री राम सेना नामक एक संगठन ने ले रखा है। कहा जाता है कि तोड़-फोड़, दंगा-ंफसाद, हंगामा आदि करने में सबसे आगे रहने वाले इस संगठन को सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पिछले दिनों इस कथित रामसेना के लोगों ने कर्नाटक में एक ऐसी ंजलालत भरी हरकत की जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हुआ यह कि एक हिन्दू परिवार ने अपनी शादी का प्रबंध एक होटल में किया। इस विवाह समारोह में इस परिवार ने अपने घनिष्ठ केवल चौदह लोगों को आमंत्रित किया जिसमें उनके परिवार से घनिष्ठ संबंध रखने वाला एक मुस्लिम युवक भी शामिल था। इस विवाह समारोह की भनक जब राम सेना के लोगों को लगी तो उन्होंने समारोह स्थल पर जाकर मुस्लिम युवक के विवाह समारोह में शामिल होने पर आपत्ति जताई। परिणामस्वरूप विवाह आयोजकों ने आपत्ति की, इसके बाद अपने को राम सेना का सदस्य बताने वाले लोगों ने उस मुस्लिम युवक की जमकर पिटाई की। इतना ही नहीं बल्कि विवाह में भाग ले रहे जिन लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की, उसे भी ंखूब पीटा।

              यह हाल है उस देश के कट्टरपंथी तथाकथित ढोंगी राष्ट्रभक्तों का जिस देश में दिल्ली में बने विशालकाय अक्षरधाम मन्दिर का उद्धाटन भारत रत्न डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के कर कमलों द्वारा किया जाता है। न जाने उस समय इस विचारधारा के लोगा कौन से बिलों में घुस जाते हैं जब देश के अधिकांश भारतीय डॉ कलाम जैसे मुसलमानों पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि हैदर अली व टीपू सुल्तान की जन्म व कर्मभूमि पर ऐसी समाज विभाजक शक्तियां केवल नाम, धन व सम्पत्ति कमाने के चक्कर में अपना विषैला फन फैला रही हैं। ऐसी बातें आम लोगों की चिंता में उस समय और इंजांफा कर देती हैं जबकि ऐसी ंखबर आती है कि इन समाज विरोधी तांकतों को राज्य सरकार का भी संरक्षण व समर्थन हासिल है।

              यही वे तांकतें हैं जो धर्म के नाम पर लोगों को मकान देने से मना करती हैं। इन्हीं शक्तियों द्वारा गुजरात में 'प्रयोगशाला' बनाकर अपने तरींके के राष्ट्रनिर्माण की कोशिशें की जा रही हैं। यही वह शक्तियां हैं जो भारतवासियों को कहीं धर्म के नाम पर बांट रही हैं तो कहीं जाति के नाम पर दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करती हैं। यही वे तांकतें हैं जो धर्म व जाति के नाम पर अलग कॉलोनियां बसाने का प्रयास कर रही हैं। यही वह तांकतें हैं जो अर्न्तधार्मिक व अर्न्तजातीय विवाहों का विरोध करती हैं। आधुनिकीकरण तथा उदारवाद जैसी सोच तो शायद इनके पास भी नहीं भटकती। कट्टरपंथी एवं रूढ़ीवादी सोच रखने वाले यह लोग वेशभूषा तथा बोलचाल में भले ही स्वयं को राष्ट्रभक्त या राष्ट्रप्रेमी बताने की कोशिश करें पर हंकींकत तो यह है कि यह शक्तियां केवल भारतीय समाज, राष्ट्रीय एकता की ही दुश्मन नहीं बल्कि यह पूरी मानवता की सबसे बड़ी दुश्मन हैं। ंजरूरत है ऐसी सोच की जड़ों पर प्रहार करने की तथा ऐसे मिशन में लगे सभी संस्थानों व उपक्रमों को बंद करने की जहां नंफरत, विभाजन, द्वेष, हिंसा तथा दो दिलों को तोड़ने का पाठ पढ़ाया जाता हो। यदि समय रहते इन विचारों को सींचने वाले मिशन नेस्तनाबूद नहीं किए गए तो हमारे देश को तबाह करने के लिए राष्ट्रभक्ति के बाने में लिपटे दिखाई देने वाले यही भीतरी दुश्मन ही कांफी होंगे।

                                                                                      निर्मल रानी