शुक्रवार, दिसंबर 04, 2009

चुनाव में गडबडी फैलाने वालों पर सख्त कार्यवाही हो-आयुक्त

चुनाव में गडबडी फैलाने वालों पर सख्त कार्यवाही हो-आयुक्त

चंबल संभागायुक्त, आईजी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की

भिण्ड 3 दिसम्बर 2009

      चंबल संभागायुक्त एस.डी.अग्रवाल एवं आईजी संजय झा तथा डीआईजी आर.बी शर्मा ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष भिण्ड में जिले में हो रहे नगर पालिका आम निर्वाचन 09 की तैयारियों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस एवं राजस्व प्रशासन को निर्देश दिए कि चुनाव में गडबडी फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही करें। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के लिए  संयुक्त जिम्मेदारी निभाए और जिले भर में प्रोएक्टिव होकर उपस्थिति दर्ज कराए। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुहेल अली, पुलिस अधीक्षक चंचल शेखर, अपर कलेक्टर एवं कानून व्यवस्था के प्रभारी अधिकारी छोटे सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी ए.के.चांदिल, जिले के समस्त विभागों के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, रिटर्निग अधिकारी सहित मैदान स्तरीय पुलिस महकमे के एसडीओपी एवं थानेदार उपस्थित थे।

नोडयूज प्रमाण देने पर ही लोटाए लाएसेसी शस्त्र

      चंबल संभागायुक्त डी.एस.अग्रवाल ने नगर पालिका आम निर्वाचन की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जमा कराए गये लायसेंसी शस्त्र नोडयूज प्रमाण देने पर ही लौटाए जाए। उन्होंने कहा कि लायसेंसी शस्त्र धारकों पर सभी प्रकार की बकाया राशि चुकाने और संबंधित इकाईयों से नोडयूज प्रमाण पत्र मिलने पर ही शस्त्र वापस किए जाए। ÷

निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक तटस्थ एवं निष्पक्ष रहे

      कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में चंबल रेंज के आईजी संजय झा ने राजस्व एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक तटस्थ एवं निष्पक्ष होकर असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान के रूप में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी घटना के घटित होने पर पुलिस एवं राजस्व प्रशासन से जुडे सभी अधिकारी कर्मचारी तत्काल रिएक्ट करें और अपराधिक तत्वो के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करें। उन्होंने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया कराने और कड़ी कानून व्यवस्था बनाए रखने कानून एवं शांतिव्यवस्था का उल्लघन नही होने देने और अपराधी को अपराध करने पर ही तत्काल पकडने की कार्यवाही विकसित करने पर जोर दिया। आपने बिना नम्बर प्लेट के वाहनों को अभियान के रूप में पकडने के निर्देश भी दिए। इसी तरह ऐसी घटना जिसमें दो गुट आपस में टकराते है या गुटो में आपसी रंजिश है या जिनके बीच आपसी रंजिश के साथ साथ जमीनों पर झगड़े चल रहे है की सूची बनाये और ऐसे तत्वों पर चुनाव होने तक विशेष निगाह रखे। 

सार्वजनिक स्थानों पर विशेष निगाह रखे

      आईजी संजय झा ने निर्देश दिए कि निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारी सार्वजनिक स्थानों पर विशेष निगाह रखें। कोर्ट परिसर, जेल प्रांगण, बस स्टेण्ड, ढावे एवं सार्वजनिक स्थल पर अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति खुले रूप से नही घूमे उन पर तत्काल प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें।

 

चुनाव में उपद्रव कराने वाले तत्वों पर निगाह रखें

      डीआईजी चंबल रेंज आर.बी शर्मा ने चुनाव में उपद्रव कराने वाले तत्वों पर निगाह रखने और ऐसे तत्वों की सूची तैयार कर प्रतिवंन्धात्मक कार्यवाही करने तथा मतदान दिवस पर मतकेन्द्र के 100 मीटर की परिधि में भीड़ एकत्रित न होने दे और मतदान केन्द्र से वार-वार चुनावी अभिकर्ताओं को बाहर नही जाने के निर्देश दिए। आपने निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया के लिए पीठासीन अधिकारी एवं मतदान दलों को निर्धारित मतदान केन्द्र में ही मतदान सामग्री सहित रात्रि विश्राम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी थाने वार एक्टिव अपराधी तत्वों के सूची तैयार करें और 100 फीसदी अपराधियों को जेल भेजने की कार्यवाही कराए। इसी तरह एनएसए व जिला बदर की कार्यवाही भी अभियान के रूप में कराई जाए। निष्पक्ष मतदान के लिए मतदान शुरू होने के दो दिवस पूर्व से ही वाहनों की आवाजाही पर निगाह रखने के लिए नाकाबंदी की जाए और प्रत्येक वाहनों की सतकर्ता की जांच करें। उन्होंने कहा कि मतदान दिवस पर मोबाईल पार्टी अधिकतम 10 मिनट में मतदान केन्द्रों में आ जा सके ऐसे रूट चार्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय के लिए बनाए गये मतदान केन्द्र हर दृष्टि से सुरक्षित हो मतदान केन्द्रों की कमियॉ पूर्व से ही दूर की जाए। आपने एसडीओ राजस्व एवं पुलिस तथा थानेदारों से अब तक की गई विभिन्न धाराओं के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जानकारी लेते हुये विभिन्न धाराओं में दर्ज किए गये वांड ओवर की कार्यवाही को बढाने पर जोर दिया।

      पुलिस अधीक्षक भिण्ड चंचल शेखर ने कानून व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि 34 शस्त्रों को छोडकर भिण्ड जिले में 20378 शस्त्र जमा कराए जा चुके है। जिले के संवेदन शील एवं अति संवेदन शील केन्द्रों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। कानून व्यवस्था के लिए नाकाबंदी की जाएगी। रात्रि 10 बजे के बाद और प्रात:6 बजे के पूर्व ध्वनिविस्तारक यंत्रों का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। अवैध शस्त्रों और अवैध शराब की बिक्री को अभियान के रूप में रोकने की कार्यवाही शुरू की गई है। लाएसेंस शर्तों का उल्लघंन करने वाले दुकानदारों पर कडी कार्यवाही की जा रही है।

      बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भिण्ड सुहेल अली ने जिले में अब तक की गई निर्वाचन तैयारियों की जानकारी देते हुये जमा कराए गये अस्त्र शस्त्र की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला बदर एवं एनएसए की कार्यवाही की जा रही है। इसी तरह नगरीय निकायों के मतदान केन्द्रों का सतत भ्रमण कर कानून व्यवस्था की जानकारी ली जा रही है। निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने के लिए राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों का क्षेत्र को संयुक्त भ्रमण शुरू कराया गया है सम्पत्ति विरूपण एवं आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन रोकने के लिए निकाय बार दल गठित किए जाकर दलों के सतत भ्रमण किया जा रहा है। स्थापित 301 मतदान केन्द्रो में से 108 मतदान केन्द्र अतिसंवेदनशील और 88 मतदान केन्द्र संवेदनशील मत केन्द्र के रूप में चिन्हित किए गये है।

 

मुखौटा राजनीति के महारथी फिर हुए बेनकाब- तनवीर जाफरी

 

मुखौटा राजनीति के महारथी फिर हुए बेनकाब

तनवीर जांफरी

लेखक हरियाणा साहित्य अकादमी, शासी परिषद  के सदस्य  हैं

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            भारतीय जनता पार्टी्र के बौद्धिक प्रकोष्ठ के पूर्व नेता गोविंदाचार्य ने लगभग एक दशक पूर्व जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय जनता पार्टी का मुखौटा कहकर संबोधित किया था उस समय वाजपेयी सहित भारतीय जनता पार्टी में उनके  समर्थक व शुभचिंतक  नेताओं के चेहरे तिलमिला उठे थे। एक बार फिर गोविंदाचार्य के उसी कथन पर गोया अपनी मोहर लगाते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच हेतु नियुक्त जस्टिस एम. एस. लिब्रहान आयोग ने वही बात अपनी विस्तृत रिर्पोट में दोहराई है। यानि रिर्पोट में अटल बिहारी वाजपेयीको एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का मुखौटा बताया गया है। रिर्पोट में 6 दिसंबर 1992 को घटित हुई बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसी शर्मनाक घटना में न सिंर्फ भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संरक्षण में संचालित होने वाली अवसरवादी तथा मुखौटा राजनीति को बेनकाब किया गया है बल्कि इन तथाकथित राष्ट्रवादियों  द्वारा भारतीय संविधान तथा भारतीय संविधान के अंतर्गत ली जाने वाली शपथ जैसे पवित्र बंधनों की धज्जियां उड़ाने की सांजिश का भी पर्दांफाश किया गया है।

              जहां तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्वयं को दुनिया के समक्ष उदारवादी राजनीति करने वाले संगठन के रूप में पेश किए जाने का प्रश् है तो पार्टी ने शुरु से ही अपने साथ सिकंदर बख्त तथा आरिंफ बेग जैसे छद्म मुस्लिम नेताओं को जोड़कर मुखौटा राजनीति के सिलसिले को परवान चढ़ाने का काम शुरु कर दिया था। भाजपा में तब से लेकर अब तक और भी कुछ गिने-चुने नेता ऐसे आए जोकि नाम व पारिवारिक पृष्ठभूमि के लिहांज से तो मुस्लिम प्रतीत होते थे। परंतु पद लाभ की अपनी गहन लालसा के मददेनंजर वे भी भाजपा के संघ एजेंडे पर सहर्ष अपनी मोहर लगा दिया करते थे। यह सिलसिला आज भी शाहनवांज खां तथा मुख्तार अब्बास नंकवी के रूप में जारी है। इन नेताओं को खासतौर पर भाजपा, मीडिया के समक्ष इसीलिए पेश करती है ताकि देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को भी आसानी से यह दिखाया व समझाया जा सके कि'हमें सांप्रदायिक व हिंदुत्ववादी सोच का परिचायक बताने वाले हमारे विरोधी पूर्वाग्रहवश हम पर यह आरोप लगाते हैं जबकि हम ऐसे हैं नहीं।'  लिब्रहान आयोग ने भाजपा के ऐसे सभी प्रयासों की धाियां उड़ाते हुए अपनी लगभग 900 पृष्ठ की विस्तृत रिर्पोट में सांफ कर दिया है कि पार्टी की हकींकत क्या है। पार्टी क्या चाहती है। पार्टी को कौन चलाता है और यह कैसे अपना काम करती है। भाजपा नेताओं का मंकसद क्या है और इनका वास्तविक एजेंडा इन्हें कौन उपलब्ध कराता है अर्थात् यह किसके इशारों पर काम करती है।

              इस आलेख को आगे बढ़ाने से पूर्व मैं पुन: अपने इस मंतव्य को स्पष्ट करना चाहता हूं कि भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में ही निर्मित हो तथा ऐसा विशाल व भव्य मंदिर बने जोकि पूरी दुनिया के लिए न केवल धार्मिक आस्था के एक महान केंद्र के रूप में जाना जाए बल्कि यह मंदिर भारत के सांप्रदायिक सौहार्द्र का भी परिचायक हो। जिस प्रकार आज सवर्ण मंदिर के विषय में बड़े गर्व के साथ यह बात कही जाती है कि  इसकी बुनियाद एक मुस्लिम व्यक्ति के हाथों रखी गई थी। ठीक उसी प्रकार के  राम मंदिर के निर्माण की भी मैं कल्पना व मनोकामना करता हूं। परंतु राम मंदिर निर्माण की आड़ में गत् तीन दशकों से  सांप्रदायिक सौहार्द्र से परिपूर्ण देश की ंफिंजा को बिगाड़ने व चौपट करने का जो शर्मनाक खेल भाजपा सहित कुछ अन्य राजनैतिक दलों ंद्वारा खेला  जा रहा है उसे ंकतई उचित नहीं कहा जा सकता। लिब्रहान आयोग की रिर्पोट से यह बात और भी सांफ हो गई है कि राम मंदिर निर्माण मिशन की बातें करने वाले संगठनों तथा नेताओं का एकमात्र मंकसद दरअसल मंदिर के नाम पर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ना है।

              अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लाभ उठाते हुए गत् तीन दशकों से कुछ इन्हीं तथाकथित राष्ट्रवादी संगठनाें द्वारा तथा आग उगलने में महारत रखने वाल इनके कुछ  विशेष नेताओं द्वारा पूरे देश में घूम-घूम कर धार्मिक उन्माद फैलाने का काम लगातार किया जाता रहा है। दिल्ली दरबार पर खांटी हिंदुत्ववाद का परचम लहराने की इनकी महती इच्छा इन्हें हर वह ंकदम उठाने पर मजबूर कर रही है जोकि अनैतिक भी हैं तथा असंवैधानिक भी। परंतु स्वयं को छाती पीट-पीट कर राष्ट्रवादी तथा राष्ट्रभक्त कहने वाले यही नेतागण जब चाहें तब संविधान की धाियां भी उड़ा देते हैं तथा जब चाहें अनैतिकता व अमानवीयता की सारी हदें भी पार कर जाते हैं। उदाहरण के तौर पर लिब्रहान आयोग की रिर्पोट में अटल बिहारी वाजपेयी क ा नाम आने से पार्टी में हंगामा बरपा हो गया है। ंजरा याद कीजिए 6 दिसंबर 1992 के बाद के उन क्षणों को जबकि वाजपेयी ने इसे एक शर्मनाक घटना क़रार दिया था। परंतु बाबरी मस्जिद विध्वंस से एक दिन पूर्व अर्थात् 5 दिसंबर 1992 को उन्हीं कारसेवकों को जोकि अगले दिन अयोध्या हेतु मार्च करने वाले थे, को संबोधित करते हुए वाजपेयी ने बड़े आत्मविश्वास व व्यंग्य भरे लहजे में सार्वजनिक सभा में वह सब कुछ  कह दिया था जोकि उनके वास्तविक रूप तथा उनकी वास्तविक विचारधारा को प्रदर्शित करता है। कारसेवकों को सार्वजनिक सभा में उन्होंने सांफ इशारा किया था कि कार सेवा स्थल पर बैठने के लिए नुकीले पत्थरों (मस्जिद के गुंबदों) को सांफ कर समतल तो बनाना ही पड़ेगा। बाबरी मस्जिद गिराने हेतु वाजपेयी जैसे बड़े नेता के लिए इससे बड़ा इशारा और क्या हो सकता है? उन्हाेंने यह भी कहा था कि मुझे यह नहीें मालूम कि कल क्या होने वाला है।

              आज भले ही जेल जाने तथा आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोपों से स्वयं को बचाने के लिए आरोपित नेता तरह- तरह की ंकानूनी या दांवपेंच भरी बातें क्यों न करें परंतु आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उसके अन्य सहयोगी संगठन  तथा उसके राजनैतिक संगठन के रूप में कार्य कर रही भाजपा के  नेताओं के पास कोई ऐसा प्रमाण नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरने से बचाने के कोई प्रयास किए हों। जहां तक इन तथकथित राष्ट्रवादियों द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाने का प्रश् है तो जिस प्रकार कल्याण सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री होते हुए अपनी ंगैर ंजिम्मेदाराना कारगुजारियों का परिचय दिया वह भविष्य के लिए  ंकतई मुनासिब नहीं है। यदि कल्याण सिंह से प्रेरणा लेते हुए देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी इन्हें अपना आदर्श मानने लगें तो देश की एकता व अखंडता तथा देश के  संविधान का क्या हश्र होगा इस बात का आसानी से अंदांजा लगाया जा सकता है। यहां यह भी गौरतलब है कि लिब्रहान आयोग की रिर्पोट में जिन 68 लोगों  के नामों को बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए ंजिम्मेदार माना गया है उनमें भाजपा के परम सहयोगी बाल ठाकरे का नाम भी शामिल है। यही बाल ठाकरे आज हमारे देश की एकता व अखंडता के लिए तथा हमारी राजभाषा के लिए कितने वंफादार तथा कितने लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं यह भी आज पूरी दुनिया देख रही है।

              कुल मिलाकर अयोध्या के इस विवादित मुददे को संघ या भाजपा की नंजरों से देखने के बजाए इसे अयोध्या की एक स्थानीय समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए। इस विषय पर महान साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा लिखित सुलगते शहर का संफरनामा नामक पुस्तिका पर गाैर किया जाए तो निश्चित रूप से यह विवाद न तो इतना बड़ा विवाद नंजर आएगा जिसके लिए रथयात्रा निकालकर अपना राजनैतिक उल्लु सीधा करने की ंजरूरत महसूस होती दिखाई दे और न ही इसके  गर्भ से दुर्भावना,सांप्रदायिकता,नंफरत तथा विद्वेष के गोधरा व गुजरात जैसे ज्वालामुखी फूटते दिखाई देगें। ठीक इसक विपरीत   परस्पर भाईचारे रंजा मदी तथा सांप्रदायिक सद्भाव की बुनियाद पर खड़ा भगवान राम का यह मंदिर वास्तव में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की अयोध्या के शाब्दिक अर्थ को साकार करेगा अर्थात् अयोध्या यानि वह स्थान जो युद्ध से मुक्त हो,मुक्त हो, युद्ध स दूर हो तथा जहां कभी युद्ध न हो।                          तनवीर जांफरी