शनिवार, मार्च 27, 2010

सरकार द्वारा शुरू जनहितेषी कार्यक्रमों को जाना ग्रामीणों ने

सरकार द्वारा शुरू जनहितेषी कार्यक्रमों को जाना ग्रामीणों ने

सूचना शिविर मालनपुर एवं गोहद से लाभान्वित हुये ग्रामीणजन

भिण्ड 25 मार्च 2010

       प्रदेश सरकार द्वारा समाज के सर्वहार वर्ग के लिए शुरू किये गये जनहितेषी कल्याणकारी कार्यक्रमों से अवगत कराने के लिए जिला जनसम्पर्क कार्यालय भिण्ड द्वारा गुरूवार को मालनपुर एवं गोहद में आयोजित सूचना सह विकास प्रदर्शनी से अनेक ग्रामीणजन लाभान्वित हुये है। ग्रामीणों ने चित्र प्रदर्शनी को निहारकर उपलब्ध कराए गये प्रचार साहित्य को पढकर अपनी जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों का समाधान उप संचालक सुनील सिलावट जनसम्पर्क भिण्ड से किया जिसका समाधान कारक उत्तर लोगों को दिया गया। शिविर में उपस्थित लोगों को आम लोगों के हित में शुरू किये विभिन्न कल्याण कारी जानकारी दी गई। जानकारी प्राप्त होने से मालनपुर के नौसाद खॉन,ऐचाया पंचायत के मातापुरा टोला के रामौतार कुशवाह, गांधीनगर गोहद के अमर सिंह, जंगलपुरा चितोरा के नन्हे खॉ, देहगांव के मुन्नासेन और नगर पंचायत गोहद के वनखण्डीलाल ने बताया कि वेभी उपलब्ध कराये गये प्रचार साहित्य का अध्ययन करकर अन्य लोगों को योजनाओं की जानकारी देगें और पात्रता अनुसार लोगों को लाभान्वित कराने के कार्य में जुटेगें।

 

प्राकृतिक प्रकोप से घटित हानि के लिए आर्थिक सहायता के मापदण्ड तय

प्राकृतिक प्रकोप से घटित हानि के लिए आर्थिक सहायता के मापदण्ड तय

भिण्ड 25 मार्च 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने बताया कि प्राकृतिक प्रकोप से होने वाली विभिन्न प्रकार की हानि के लिए शासन द्वारा दी जाने वाली सहायता की राशि के मापदण्ड निर्धारित किए गये है।

फसल हानि के लिए आर्थिक सहायता

कुल खाते की धारित कृषि भूमि के आधार पर खातेदार/कृषक की श्रेणी के तहत  लघु एवं सीमांत कृषक 0 हैक्टेयर से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खतोदार को 25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि- वर्षा आधारित फसल के लिए 2000 रूपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 3500 रूपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पेरीनियल) 6 माह से कम अवधि की पसल के अवधि की फसल के लिए 7500 रूपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी।

50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि

वर्षा आधारित फसल के लिए 3000 रूपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लए 7500 रूपये प्रति हेक्टेयर, 3 बारामहही (पेरनियल) 6 माह से कम अवधि की फसल के लिए 7500 रूपये प्रति हेक्टेयर, 4 बारामाही (पेरीनियल) 6 माह से अधिक अवधि की फसल के लए 10000 रूपये प्रति हेक्टेयर की सहायता मिलेगी।

लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खातेदार को

25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि के तहत वर्षा आधारित फसल के लिए 1500 रूपये प्रति हेक्टेयर, 2 सिंचित फसल के लिए 2500 रूपये प्रति हेक्टेयर, 3 बारामाही पेरीनियल 6 माह से कम अवधि की फसल के लिए 3500 रूपये प्रति हेक्टेयर, 4 बारामाही पेरलियल 6 माह से अधिक अवधि की फसल के लिए 5000 रूपये प्रति हेक्टेयर की पात्रता होगी।

फलदार पेड़ या उन पर लगी फसले 25 से 50 प्रतिशत फसल हानि होने पर  200 रूपये प्रति पेड, 2 संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसले 4000 रूपये प्रति हेक्टेयर, पान बरेजे आदि की हानि के लिए 12000 रूपये प्रति हेक्टेयर या 500 रूपये प्रति पारी की पात्रता होगी।

 

50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर सहायता

फलदार पेडके लिए  300 रूपये प्रति पेड, संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसले 6000 रूपये प्रति हेक्टेयर, पान, बरेजे आदि की हानि के लिए 20000 रूपये प्रति हेक्टेयर या 500 रूपये प्रति पारी की पात्रता होगी। 

पशु/पक्षी (मुर्गी/मुर्गा) हानि के लिए आर्थिक सहायता के तहत

बैल/भेंस/घोडा हेतु 6000 रूपये, गाय हेतु  3000 रूपये, बगरी/भेंड के तहत 800 रूपये, ऊंट हेतु 6000  गधा हेतु 2000 सुअर 1500 हेतु , भैंस, घोडा गाय एवं ऊंट के बच्चों हेतु 1000 रूपये, भेड़, सुअर, गधा, बकरी का बच्चा हेतु  250 रूपये, मुर्गी/मुर्गा (10 सप्ताह से अधिक आयु के) 40 रूपये, चूजा (4 से 10 सप्ताह तक की आयु के) 20 रूपये की पात्रता होगी।

नष्ट हुए मकानों के लिए आर्थिक अनुदान सहायता

पूर्ण नष्ट मरम्मत योग्य नही, पक्का मकान- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 25000 रूपये, कच्चा मकान वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 2000 रूपये, 3 झुग्गी/ झोपडी विधिसंगत निर्माण वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 6000 रूपये की पात्रता होगी।

गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 50  प्रतिशत से अधिक हो) पक्का मकान- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 5000 रूपये, कच्चा मकान वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकत 300 रूपये झुग्गी/झोपडी विधिसंगत निर्माण, वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 2000 रूपये की पात्रता होगी।

आंशिक क्षतिग्रस्त जहॉ क्षति 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हो पक्का मकान

 वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 2500 रूपये, कच्चा मकान वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 1500 रूपये, झुग्गी/झोपडी विधिसंगत निर्माण- वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 1000 रूपये की पात्रता होगी।

कपडों, बर्तनों एवं खाद्यान्न की क्षति के लिए आर्थिक अनुदान सहायता

प्राकृति प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण मकान नष्ट हो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने अथवा घरों में पानी घुस जाने से पीडित परिवार के कपडे एवं खाद्यान्न गीले होकर क्षतिग्रस्त हो जाने पर दैनिक उपयोग के कपडों एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार को मान से 2000 रूपये दो हजार रूपये मात्र की आर्थिक अनुदान सहायता दी जाएगी। यह सहायता राशि मकान की हुई क्षति के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के अतिरिक्त होगी।

प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण मकान नष्ट हो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने अथवा घरों में पानी घुस जाने से पीडित परिवार के कपडे एवं खाद्यान्न गीले होकर क्षतिग्रस्त हो जाने पर प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार के मान से 50 किलो ग्राम खाद्यान्न (गेहू/चावल) एवं 5 लीटर कैरोसिन तात्कालिक सहायता के रूप में दिया जायेगा। यह सहायता एक आपदा के प्रभावित परिवार को केवल एक बार ही दी जायेगी।

मृत व्यक्ति के परिवार/ निकटतम वारिस को आर्थिक सहायता अनुदान

 नैसर्गिक विपत्तियों अर्थात तूफान, भूकम्प, बाढ, ओलावृष्टि, भूस्खलन के साथ साथ आकाशीय बिजली गिरने अथवा आग से पीडितों (खलिहान या मकान में आग लगने की दुघर्टना/ वारिस को 100000 रूपये ( एक लाख रूपये मात्र) की सहायात दी जाएगी।

सर्प, गुहेरा या जहरीले जन्तु के काटने से अथवा नाव दुघर्टना से मृत्यु हो जाने पर अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने या पहाडी आदि से खड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिवार के निकटतम व्यक्ति / वारिस को 50000 रूपये (पचास हजार रूपये मात्र) की सहायता दी जाएगी।

 

आग से नष्ट होने वाली फसलों की सुरक्षा के लिए कृषक सजग बने

आग से नष्ट होने वाली फसलों की सुरक्षा के लिए कृषक सजग बने

भूलचूक से हो सकती है बडी दुर्घटना

भिण्ड 25 मार्च 2010

       जिला प्रशासन भिण्ड द्वारा कृषकों को विद्युत तारों एवं ऐसे खुले स्थान जहां भण्डार के लिए रखी गई फसल को आग लगने की आशंका हो सकती है उन स्थानों पर खाद्यान्न को खुला नही रखने की सलाह दी गई है।

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने कृषकों को सलाह देते हुये कहा कि छोटी सी भूलचूक से भी खाद्यान्न में लगी आग बडी घटना का रूप ले सकती है जिसके चलते न सिर्फ कृषकों की उत्पादित फसल नष्ट हो जाने का खतरा होगा। वरन आग की दुघर्टना से बडी जनहानि होने की आशंका रहती है। जिसके कारण किसानों की वर्ष भर की फसल कुछ ही मिनटों में नष्ट हो जाने से कृषकों की आर्थिक स्थिति कमजोर बनाती है। आग से  कृषकों की फसल नष्ट न हो इसके लिए जरूरी है कि कृषक एवं उनके परिजन फसलों की सुरक्षा के दायित्व प्रति सजग बने और फसलों का भण्डारण सुरक्षित स्थानों पर करें। जिला स्तर पर आकस्मिक दुघर्टना की जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जिसका दूरभाष क्रमांक 230023 है। इस नम्बर पर कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी दे सकते है।

 

पेंशन राशि वितरित नही करने पर कलेक्टर ने किया निलंबित

पेंशन राशि वितरित नही करने पर कलेक्टर ने किया निलंबित

न.पा. भिण्ड कर्मी ने 10 महीनों तक लंबित रखा प्रकरण

भिण्ड 25 मार्च 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने नगर पालिका भिण्ड के सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दायित्व निर्वाहन कर रहे कर्मचारी को शिथिलता बरतने पर निलंबित किया है। अधिकृत जानकारी में बताया गया है कि धीरेश तिवारी सहायक ग्रेड-3 द्वारा विगत 10 महीनों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्वावस्था पेंशन, विधवा पेंशन का वितरण समय पर न कर प्रकरणों को लंबित रखा गया। कलेक्टर ने  मुख्य नगर पालिका अधिकारी भिण्ड द्वारा संबंधित लिपिक को निलंबित किये जाने के संबंध में निलंबन की कार्यवाही की गई। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण भिण्ड नियत किया गया है। यह कार्यवाही तत्काल प्रभाव से की गई है।