शनिवार, मई 08, 2010

Astrology cannot be banned: Centre

Astrology cannot be banned: Centre

Ramprakash Bagree
( On our Facebook Group – Jyotish Tantra Mantra Yantra)

 

Astrology is an ancient 'science' and it cannot be banned, the Union Government has said in an affidavit filed in the Bombay High Court here. The High Court is currently hearing a PIL, which seeks a ban on practice of astrology, vastu-shastra etc. It also seeks action against advertisements of astrologers under the Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act, 1954. However, in an affidavit filed in reply to the PIL, Dr R Ramkrishna, Deputy Drugs Controller, Government of India, says that "ban on astrology and related sciences sought by the petitioner, which is a time-tested science more than 4,000 years old, is totally misconceived and unjustifiable". The affidavit relies on Supreme Court's judgement which had held that introduction of a course in astrology did not militate against the concept of secularism enshrined in the Constitution. Further, the affidavit states, that Drugs and Magic Remedies Act does not cover astrology and related disciplines. The Act can be used only against misleading advertisements relating to drugs and magic remedies, such as an advertisement of a drug assuring prevention of pregnancy, or improvement of sexual power, etc without any scientific basis, according to the affidavit. Petitioner Bhagwanji Rayani has made several well-known practitioners of astrology and vastu-shastra a party to the petition. It includes famous astrologer Bejan Daruwala too. However, the High Court adjourned the hearing today till June 23, as several of them have not yet filed their replies.

 

 

पीएसबी एवं फास्फोरक घोल के उपयोग से खेती की लागत में कमी

पीएसबी एवं फास्फोरक घोल के उपयोग से खेती की लागत में कमी

भिण्ड 5 मई 2010

       पीएसबी एवं फास्फोरक घोल के उपयोग से खेती की लागत में कमी संभव है। उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि पीएसबी एवं जीवाणु है जो मृदा में अप्राप्त अवस्था में पाये जाने वाले फास्फोरस को प्राप्त अवस्था में बदल देता है। जिससे कृषक फसलों में फास्फोरस की मात्रा को कम करके उर्वरक की लागत का कम कर सकते है तथा 15 से 20 प्रतिशत फसल उत्पादन में वृद्वि प्राप्त कर सकते है जिस सुपर फास्फेट का उपयोग किसान भाई करते है। उसका 20 प्रतिशत ही फसले ग्रहण कर पाती है शेष फास्फोरस मिट्टी के अंदर अप्राप्त अवस्था में बदल जाता है अत: पीएसबी के उपयोग से शेष फास्फोरस की घुलनशीलता बढ जाती है और वह पौधों को प्राप्त हो जाता है।

       कृषक भाई बीज उपचार हेतु 5 किग्रा प्रति किलो बीज के मान से बीज के मान से बीज को अच्छी तरह से उपचारित करें एवं छाया में बीजों को सुखाकर तुरंत बुवाई कर दे कंदीय फसलो के बीज उपचार हेतु 100-125 लीटर पानी में 1.50 किग्रा, कल्चर घोलकर लगाये जाने वाले कंदों को 10 मिनट तक इस घोल में डुबोकर कंदो को लगाये यदि कृषक भाईयों को फसल बुवाई पूर्व भूमि का उपचार अंतिम जुताई पश्चात 2 से 2.50 किलो कल्चर, 100-150 किलो गोबर की खाद में अच्छी प्रकार मिलाकर समान रूप से खेत में छिडकाव करे तो अधिक लाभ प्राप्त होगा।

       पीएसबी कल्चर के प्रयोग करने से पौधों के स्वास्थ्य में सुधार, जडे गुच्छे दार एवं मजबूत बनती है जीवाणुओं के माध्यम से हारमोन, विटामिन, एन्जाइम, पौधों को मिलते है जिससे फसल स्वस्थ्य एवं निरोगी रहती है तथा शीघ्र पककर तैयार होती है तथा इसके उपयोग से 15-20 प्रतिशत तक पैदावार में वृद्वि होती है साथ ही पर्यावरण भी शुद्व रहता है।

       कृषक भाई जैव उर्वरकों का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखे कि जैव उर्वरक मान्य श्रोत एवं उच्च गुणवत्ता का हो। अंतिम तिथि देखकर ही कल्चर का क्रय करें तथा धूप एवं गर्मी से बचाये तो निश्चित ही कृषको को इसका भरपूर लाभ प्राप्त होगा तथा कृषक भाई 10-15 प्रतिशत लागत में बचत होगी।

 

14 वर्ष के बीपीएल विकलांग को मिलेगी सुरक्षा पेंशन

14 वर्ष के बीपीएल विकलांग को मिलेगी सुरक्षा पेंशन

भिण्ड 5 मई 2010

       बीपीएल परिवार के ऐसे विकलांग जिनकी आयु 6 से 14 वर्ष की है उन्हें विकलांग पेंशन की पात्रता है। इसीतरह 18 या अधिक उम्र की विधवा महिलाएं जिनके पास जीवन निर्वहन करने का साधन नही है। उन्हें और 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित व्यक्ति जिनके पास जीवन निर्वहन करने का साधन नही है उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पात्रता होगी। सुरक्षा पेंशन का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यक्तियों को नगरीय क्षेत्र में नगर पंचायत एवं नगर पालिका तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत को आवेदन करना होगा। संबंधित क्षेत्र के पटवारी एवं सचिव की अनुशंसा के आधार पर ग्रामसभा द्वारा प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन किया जाकर प्रस्ताव स्वीकृति हेतु जनपद पंचायत को भेजा जाएगा। जनपद पंचायत द्वारा प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृत किये जाने पर पात्र व्यक्तियों को 150 रूपये प्रति माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत होती है।

 

अटेर जनपद में 8 गरीब सम्मेलनों का आयोजन

अटेर जनपद में 8 गरीब सम्मेलनों का आयोजन

भिण्ड 5 मई 2010

       जिले की अटेर जनपद पंचायत में जारी मई माह में 8 गरीब सम्मेलनों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत अटेर द्वारा बताया गया कि गरीब सम्मेलनों में मनरेगा के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा बीपीएल परिवार के भूमि धारित व्यक्तियों को मेढबंधान तकनीकी की जानकारी देने के साथ साथ प्रशासनिक स्वीकृति दी जाएगी।  दिनांक 7 मई को प्रतापपुरा, 11 को सुरपुरा 14 को परा, 18 पिडोरा, 19 को मटघाना, 21 को जवासा, 25 मसूरी तथा 28 मई को ऐतहार में गरीब सम्मेलन आयोजित किये गये है।

 

भारत गैस के 4 सिलेण्डर लावारिस हाल में जप्त

भारत गैस के 4 सिलेण्डर लावारिस हाल में जप्त

वारिसान से दावा आमंत्रित

भिण्ड 4 मई 2010

       अनुविभागीय दण्डाधिकारी भिण्ड मनोज माथुर ने बताया कि पुलिस थाना फूफ भारत गैस कम्पनी के 4 सिलेण्डर लावारिस हालत में जप्त किये जाकर प्रकरण पुलिस एक्ट की डायरी के साथ प्रस्तुत किया गया है। जप्त किये गये सिलेण्डर के सबंध में बैध वारिसान जो अपना दावा प्रस्तुत करना चाहते है। अथवा कोई व्यक्ति आपत्ति प्रस्तुत करना चाहता है। या ऐसा व्यक्ति जिसे उक्त संबंध में जानकारी है। वह न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी भिण्ड के कार्यालय में उपस्थित होकर जानकारी दे सकेगें।

 

चौकी सरपंच को पद से हटाया धारा 40 में हुई कार्यवाही

चौकी सरपंच को पद से हटाया धारा 40 में हुई कार्यवाही

मनरेगा में मजदूरी का भुगतान नही करने पर पद से पृथक

भिण्ड 4 मई 2010

       अनुविभागीय राजस्व अधिकारी भिण्ड मनोज माथुर द्वारा अटेर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चौकी की सरपंच श्रीमती सुनीता शाक्य को मजदूरो की लंबित मजदूरी का भुगतान नही करने, वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी आदेश की अव्हेलना करने, तथा सरपंच पद का दुरूपयोग सिद्व होने पर म.प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 की धारा 40 के तहत तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किये जाने के आदेश जारी किये गये है।

पूर्व सरपंच श्रीमती कुसुम त्रिपाठी एवं मजदूरों द्वारा कलेक्टर भिण्ड के समक्ष 25 मार्च 2010 को की गई जनसुनवाई में ग्राम पंचायत चौकी की सरपंच द्वारा मनरेगा में कराये गये कार्य की मजदूरी का भुगतान नही किये जाने की शिकायत की गई। इसी तरह कैलाशी बेवा बंशीलाल एवं नाथूराम पुत्र मनीराम को सरपंच द्वारा इन्द्रा आवास की किश्त का भुगतान नही किये जाने की शिकायत की गई। जबकि सरपंच सचिव के खाते में राशि का आवंटन उपलब्ध था। सीईओ जनपद पंचायत अटेर द्वारा सरपंच सचिव को मनरेगा के मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान किये जाने के लिए 11 मार्च एवं 26 मार्च को उनके कार्यालय से पत्र प्रेषित किये गये। परंतु सरपंच सचिव द्वारा मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नही किया गया। कलेक्टर भिण्ड द्वारा ग्राम पंचायत चौकी के सचिव को निर्माण कार्यो का भुगतान नही करने के फलस्वरूप म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69-1 के तहत हटाया जा चुका है।

 

अवैध विद्युत उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही जारी धारा 135 के तहत 18 लोगों पर कार्यवाही हुई

अवैध विद्युत उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही जारी धारा 135 के तहत 18 लोगों पर कार्यवाही हुई

भिण्ड 4 मई 2010

       भिण्ड शहर के अवैध विद्युत कनेक्शन धारी उपभोक्ताओं के खिलाफ एक मई से शुरू की गई कार्यवाही के तहत 4 मई तक 18 लोगों के खिलाफ धारा 135/126 के तहत कार्यवाही की गई। उप महाप्रबंधक संभाग मध्यक्षेत्र विद्युत कम्पनी भिण्ड द्वारा बताया गया कि शहर के अवैध कनेक्शन धारी विद्युत उपभोक्ताओं की कलेक्टर के निर्देश पर वीडियो ग्राफी कराई गई। जिसके आधार पर अवैध कनेक्शन धारी सूची बनाकर उनके खिलाफ कार्यवाही की गई। ऐसे अवैध कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं के खिलाफ धारा 135 के तहत प्रकरण बनाए गये है।

       उप महाप्रबंधक ने बताया कि 1 मई से शुरू की गई कार्यवाही के तहत श्रीमती पार्वती, दलजीत सिंह, सवजय सिंह पहलवान, किशोर सिंह, छोटे सिंह नरवरिया, राधेश्याम, विद्याराम झा, राजेन्द्र लेखराम, तथा चमेली बाई, मानसिंह नरवरिया, सभी निवासी श्रीकृष्ण गली अटेर रोड भिण्ड के खिलाफ कार्यवाही की गई। इसीतरह सुरेन्द्र सिंह अमर सिंह नरवरिया निवासी अटेर रोड नरवरिया गली पर 280 एवं 420 वाट भार के दो प्रकरण दर्ज किये गये। रामभरोसे, विजयराम गुर्जर, श्रीमती बटना आशाराम नरवरिया, अजमेर सिंह नरवरिया, रामविलास गबदू श्रीवास, दिनेश अनंतराम सोनी सभी निवासी नरवरिया गली अटेर रोड भिण्ड और 4 मार्च को की गई कार्यवाही के तहत श्रीमती राजेश कुमारी उपयोग कर्ता रामानंद रामसिया शर्मा, अटेर रोड बम्बा पुलिया के पास पर 15 किलो वाट भार का प्रकरण धारा 126 में दर्ज किया गया। जबकि डा सुबोध बंगाली बालाजी नगर अटेर रोड पर 1 हजार वाट भार, गिरवद सिंह बघेल बालाजी नगर अटेर रोड, रामबाबू जालिम सिंह कुशवाह वीरसेन शर्मा की गली और प्रदीप गंभीर सिंह राठौर इटावा रोड भिण्ड पर धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

 

विधिक सप्ताह श्रृखंला में जागरूकता शिविरों का आयोजन जारी

विधिक सप्ताह श्रृखंला में जागरूकता शिविरों का आयोजन जारी

गणपति आयल एवं भगवती शीतगृह में शिविर सम्पन्न

भिण्ड 4 मई 2010

       म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश पर भिण्ड जिले में भी श्रमिक दिवस एक मई से श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी देने हेतु विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन शुरू किया गया है। इसी श्रृखंला में सोमबार को भिण्ड शहर के गणपति आयल मिल एवं भगवती शीतगृह मे जेएमसी भिण्ड आरके वर्मा की विशेष उपस्थिति में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन सम्पन्न हुआ। शिविर में श्रम निरीक्षक अशोक पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता शिवभान सिंह राठौर सहित श्रमिक भी उपस्थित थे।

       इस अवसर पर आरके वर्मा ने श्रमिकों को समाज की मुख्य धारा में जोडने के लिए शिक्षित होने का आव्हान किया। उन्होंने बताया कि कानून की अवधारणा में सभी नागरिकों को समानता का अधिकार मुहैया कराया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी बस्तु के निर्माण के लिए प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से श्रमिकों की सहभागिता जरूरी होती है। बिना श्रम के कोई कार्य पूर्ण नही हो सकता। गरीबी एवं आर्थिक अभाव में चलते कोई भी श्रमिक न्याय प्राप्त करने से बंचित न रहे इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 39 का अन्तर्गत नि:शुल्क विधिक सहायता का प्रावधान किया गया है। ऐसे पक्षकारों को प्रकरण में व्यय का भार नही करना पडता है। राजस्व न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक नि:शुल्क विधिक सहायता मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है। शिविर में श्रम निरीक्षक भिण्ड द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर लाभ लेने की अपील की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवभान सिंह ने श्रमिक अधिकारों के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये।

 

ग्रामीण सडक योजना में चिन्हित कार्य अन्य योजना में शुरू नही हो

ग्रामीण सडक योजना में चिन्हित कार्य अन्य योजना में शुरू नही हो

सी.ई.ओ म.प्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निर्देश जारी

भिण्ड 4 मई 2010

       ग्रामीण सम्पर्क सडक योजना में चिन्हाकिंत की गई सडकों का निर्माण कार्य किसी अन्य योजना अथवा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना स्कीम-म.प्र. से स्वीकृत कर प्रारंभ नही किए जाए। यह निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के शिवशेखर शुक्ला द्वारा कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्क्रीम- मध्यप्रदेश को प्रेषित पत्र में जारी किये गये। प्रेषित पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के कुछ जिलो से यह सूचना प्राप्त हुई है कि जो सडके ग्रामीण सम्पर्क सडक योजना में चिन्हाकित है उन्हें भी ग्राम पंचायतों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्क्रीम- मध्यप्रदेश या अन्य मदों से प्रारंभ किया जा रहा है। सीईओ द्वारा निर्देश दिये गये है कि ऐसी सडक जिन्हे चिन्हाकित किया गया है कि उसे किसी अन्य योजना अथवा मनरेगा में स्वीकृत नही करे।

       सीईओ द्वारा प्रेषित पत्र में सूचित किया गया है कि सामान्य क्षेत्र में 500 तक की आवादी और आदवासी क्षेत्र में 250 तक की आवादी की सभी बसाहटों को मनरेगा, बीआरजीएफ और मुख्यमंत्री सडक योजना के अभिशरण से ग्रामीण सम्पर्क सडकों से जोडे जाने की कार्य योजना जारी की गई है। सडक का निर्माण कार्य इण्डियन रोड कांग्रेस तथा विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड तथा आवश्यकतानुसार गुणवत्ता बनाए रखने हेतु मशीनों के माध्यम से सम्पादित किया जाना है। इस कार्य के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को क्रियान्वयन ऐजेन्सी बनाया गया है।

 

10 ईट मिट्टी उत्खनि पट्टे निरस्त खनिज राजस्व नही जमा कराने पर हुई कार्यवाही

10 ईट मिट्टी उत्खनि पट्टे निरस्त खनिज राजस्व नही जमा कराने पर हुई कार्यवाही

भिण्ड 3 मई 2010

       कलेक्टर भिण्ड के निर्देश पर खनिज राजस्व एंव मासिक विवरणी समय पर जमा नही कराने वाले 10 ईट मिट्टी उत्खनि पट्टा धारकों के पट्टे निरस्त किये गये है। संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को बकाया राशि जमा कराने और निरस्त किये गये पट्टो की किसी भी प्रकार की  खनन संक्रियाएं बंद करने के निर्देश दिये गये है। जिला खनिज अधिकारी भिण्ड द्वारा बताया गया कि ग्राम अकोडा के विनोद पुत्र कन्हैया लाल मिश्रा, ग्राम पुर ब्लॉक भिण्ड की श्रीमती ऊषा पत्नी राजपत सिंह नरवरिया और श्री राजू भदौरिया, ग्राम सहायपुरा भिण्ड के होम सिंह, गोरमी रावतपुरा के वार्ड क्रमांक 11 की श्रीमती राजकुमारी सोनी, ग्राम रौन की श्रीमती रेखा नरवरिया, ग्राम मोतीपुरा भिण्ड की श्रीमती संतोष पत्नी विवेक चौधरी, बाराकला की श्रीमती मीना पत्नी रामबाबू श्रीवास और ग्राम  मुरली का पुरा जबावा भिण्ड के अशोक सिंह पुत्र मोहरमन सिंह यादव, ग्राम नालीपुरा भिण्ड की श्रीमती सीला पुत्री बेटालाल को आवंटित किये गये ईट मिट्टी उत्खनि के पट्टे खनिज राजस्व एवं मासिक विवरणी समय पर नही जमा कराने के कारण निरस्त किये गये है। संबंधित थाना प्रभारियों को निरस्त  किये गये उत्खनि पट्टा में खनन संक्रियाएं बंद कराने हेतु कलेक्टर की ओर से निर्देश दिये गये है।

 

समिति प्रबंधकों को फर्जी गेहूं लेने और कृषकों को फर्जी गेहूं विक्री पर नोटिस

समिति प्रबंधकों को फर्जी गेहूं लेने और कृषकों को फर्जी गेहूं विक्री पर नोटिस

एसडीएम भिण्ड ने धारा 420 में दिया नोटिस

भिण्ड 3 मई 2010

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने समर्थन मूल्य पर विक्री के लिए लाये जा रहे फर्जी गेहूं क्रेता एवं विक्रेता के कृत्यों को गंभीरता से लिया है। जिसके लिए फर्जी गेहूं लेने वाले समिति प्रबंधकों और फर्जी गेहूं बैचने वाले कृषकों को नोटिस दिये गये है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भिण्ड ने तहसीलदार भिण्ड से फर्जी गेहूं खरीदने एवं विक्री जॉच कराई। प्राप्त जॉच प्रतिवेदन के आधार पर दो सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधको तथा तीन कृषकों को फर्जी गेहूं लेने और फर्जी गेहूं की विक्री करने पर कारण बताओं नोटिस जारी कर  आईपीसी की धारा 420 के तहत भी नोटिस दिया गया है।

       एसडीएम भिण्ड मनोज माथुर ने बताया कि थोक उपभोक्ता भण्डार भिण्ड द्वारा मानपाल पुत्र प्यारेलाल यादव निवासी डिडी की ऋण पुस्तिका क्र 842152 एवं रसीद क्रमांक 27815 के द्वारा 16.50 क्विंटल गेहूं खरीदकर रसीद काटी गई। पटवारी द्वारा की गई जांच में मानपाल पुत्र प्यारेलाल यादव के नाम कोई खाता नही पाया गया। और जॉच में मानपाल की मृत्यु होना भी पाई गई।

थोक उपभोक्ता संस्था भिण्ड द्वारा धर्मेन्द्र सिंह पुत्र मुन्नीलाल निवासी भिण्ड के आराजी नम्बर 100 एवं 106 रकवा 1.55 क्षेत्र जो पटवारी खसरा रिपोर्ट के अनुसार पडत एवं आवादी भूमि है। उक्त किसान द्वारा भू अधिकार पुस्तिका प्रस्तुत कर गेहूं का विक्रय किया गया। इसीप्रकार रामप्रकाश पुत्र हरदयाल निवासी कुरथरा द्वारा रसीद क्रमांक 27829के आधार पर 29 क्विंटल गेहूं क्रय किया गया। पटवारी द्वारा की गई जॉच में पाया गया कि खाता नम्बर 125 किता 9 रकवा 11.30 हेक्टैयर क्षेत्र में से 1.0 हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं फसल बोई गई विक्रेता का हिस्सा 1/6 होने से विक्रेता का कुल हेक्टेयर 0.17 होता है। जिस पर 29 क्विंटल गेहूं का उत्पादन संभव नही है।

       सेवा सहकारी संस्था दीनपुरा द्वारा रसीद क्रमांक 6480 में सुरेश चन्द्र पुत्र रामभरोसे निवासी दीनपुरा द्वारा आराजी नम्बर 48,92,174,175,287,288  की ऋण पुस्तिका के जरिए 29 क्विंटल गेहूं विक्रय किया गया। पटवारी रिपोर्ट एवं खसरा रिपोर्ट में आराजी नम्बर 172 रकवा 0.20 और आराजी नम्बर 175, रकवा 0.3 हैक्टेयर सुरेश चन्द्र के नाम दर्ज पाया गया। जो वर्तमान में पडत भूमि है। तथा शेष आराजी नम्बर अन्य लोगों के नाम से पाये गये। जॉच के आधार पर उक्त दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों तथा किसानों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये। इसके अलावा आईपीसी की धारा 420 के तहत फर्जी कार्यवाही के कारण भेजे गये। 

 

जिले की 1887बसाहटो में पेयजल आपूर्ति

जिले की 1887बसाहटो में पेयजल आपूर्ति

898 लाख लागत की 24 नवीन ग्रामीण गतिवर्धित नलजल योजना का कार्य जारी

       पीएचई मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने जिले की पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की। अधीक्षण यंत्री ग्वालियर ने बताया कि भिण्ड जिले के 896 राजस्व ग्राम की 1887 बसाहटों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 40 लीटर के मान से पेयजल आपूर्ति जारी है। जिले में 15062 हैण्डपम्प स्थापित है। विभागीय मद में 10530 और अन्य विभाग के 4532 हैण्डपम्प समिलित है। वर्तमान में असुधार योग्य की श्रेणी में 305 हैण्डपम्प बंद है। 14757 चालू है। जिले में दो जून तक हैण्डपम्प संधारण की जानकारी के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। अधीक्षण यंत्री ने जिले में स्थापित कुल नलजल योजनाओं में से वर्तमान में चालू नलजल योजनाओं की जानकारी दी।

       भिण्ड जिले में गतिवर्धित पेयजल कार्यक्रम के तहत 24 नवीन नलजल योजनाए 898 लाख रूपये की स्वीकृति की गई है। जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसीतरह जल गुणवत्ता से प्रभावित मेहगांव एवं गोहद ब्लॉक की 82 बसाहटों के लिए 78 नलजल योजनाएं रूपये 1535.575 लाख की स्वीकृति हुई है। वर्ष 2009-10 में 35 नलजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। शेष योजनाओं के लिए स्रोत निर्माण एवं अन्य कार्य हेतु ठेकेदारों को आदेश दिये गये है। बैठक में नवीन नलकूप खनन एवं हैण्डपम्प स्थापना और टूटे फूटे प्लेटफार्म के निर्माण भूजल संवर्धन कार्य आश्रम एवं छात्रावास में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की गई।

पेयजल परिवहन व्यवस्था पर 60 लाख का प्रावधान

गोहद के 24 मेहगांव के 29 ग्रामों में पेयजल परिवहन की संभावना

       जिले के गोहद ब्लॉक के 25 और मेहगांव के 29 ग्रामों में जारी ग्रीष्मऋतु में पेयजल स्रोत में जल स्तर की कमी और गुणवत्ता प्रभावित खारे पानी की विसमता की संभावना के मद्देनजर पेयजल परिवहन का प्रावधान किया गया है। जिसके लिए लगभग 60 लाख रूपये की राशि संबंधित ग्राम पंचायतों को दी जाएगी।

       पीएचई मंत्री श्री बिसेन ने निर्देश दिये कि जिन हैण्डपम्पों का खनन पीएचई विभाग द्वारा कराया गया है। विभाग उन्ही हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य करें। आपने कार्यपालन यंत्री से पाईप उपलब्धता की स्थिति तथा ठैकेदारों के लंबित भुगतान की जानकारी ली।

 

समर्थन मूल्य से हो रही खरीदी में सर्तकता बरते मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन हो

समर्थन मूल्य से हो रही खरीदी में सर्तकता बरते मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन हो

भिण्ड 3 मई 2010

       लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष भिण्ड में सोमबार को आयोजित बैठक में जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किये जा रहे गेहूंर्  तथा जिले की पेयजल स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने समर्थन मूल्य से  हो रही खरीदी में सर्तकता बरतने और  मुख्यमंत्री के निर्देशों पर  प्राथमिकता से अमल करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्यामसुन्दर सिंह जादौन, केपी सिंह, राजेन्द्र शर्मा राजे, अपर कलेक्टर छोटे सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

       सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने उप संचालक कृषि से जिले में कृषकों द्वारा गेहूं वुवाई क्षेत्र की जानकारी ली गई। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के 84200 हैक्टेयर क्षेत्र में कृषकों द्वारा गेहूं की फसल बोई गई। जिसमे औषत रूप से 20 लाख 20 हजार क्विंटल गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है। जिले में गत वर्ष 2.40 लाख क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर उपार्जित हुआ। जारी वर्ष के लिए 6.50 लाख क्विंटल गेहूं उपार्जन लक्ष्य के विरूद्व जिले में समर्थन मूल्य पर 2 मई तक दिनांक तक 1 लाख 80696 क्विंटल गेहूं खरीदी की गई। जिसमें से 1 लाख 61 हजार 221 क्विंटल गेहूं का भण्डारण हो चुका है। कृषकों को 18 करोड 55 लाख 65371 रूपये का भुगतान किया गया है।