गुरुवार, दिसंबर 27, 2012

महाझूठे शिवराज सिंह के खस्ताहाल मध्यप्रदेश में बिजली कटौती फिर सिर चढ़ कर बोली

संभागीय मुख्यालय पर 16 घंटे और जिला मुख्यालयों पर 20 घंटे की बिजली कटौती
मुरैना 27 दिसंबर 12, स्वर्णिम म.प्र. बनाने का पिछले चार साल से दावा और वादा कर रही म.प्र. की शिवराज सिंह सरकार के बुरी तरह खस्ताहाल मध्यप्रदेश में पिछले एक हफ्ते से बिजली कटौती का कहर टूट पड़ा है । विकास और प्रगति के मामले में घुटनों पर रेंग रही म.प्र. की सरकार जब सन 2003 में सत्ता आई तो महज एक महीने के अंद 24 घंटे बिजली देने का वायदा करके आई । मगर हालात का आलम ये है कि भाजपा की सरकार को सत्‍ता में आये पूरे 10 साल गुजर गये 24 घंटे बिजली देना तो दूर आठ घंटे भी बिजली आज तक म.प्र. को मयस्सर नहीं करा पाई ।
सन 2008 के विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह चम्बल में पोरसा एवं जौरा की चुनावी सभाओं में वायदा करके गये थे कि पिछले 5 साल में हम आपको बिजली नहीं दे पाये लेकिन अब मेरा वायदा है कि अब अगर मेरी सरकार बनी तो मैं आपको 24 घंटे बिजली दूंगा , पोरसा की सभा में शिवराज सिंह ने यह वायदा किया कि अगर अबकी बार बरसात अच्छी हुयी तो मैं आपको 24 घंटे बिजली दूंगा , संयोगवश उस साल बहुत अच्छी वारिश हो गयी , बांघ ओवरफुल हो गये काफी पानी बांधों को खोलकर बाहर निकालना पड़ा तो चार पॉंच महीने बाद जौरा में हुयी शिवराज सिंह ने पलटी मारते हुये कहा कि अगर अबकी बार मेरी सरकार बनी तो आपको 24 घंटे बिजली दूंगा , संयोगवश शिवराज सिंह की सरकार भी बन गई तो अगले महीने ही शिवराज सिंह ने बयान दिया कि मैं क्या करूं केन्द्र कोयला ही नहीं दे रहा , मैं प्रदेश को बिजली कैसे दूं , इसके बाद जब केन्द्रीय कोयला मंत्री ने म.प्र. में आकर बयान दिया कि जितना चाहिये उतना कोयला लो , कोयले की कोई कमी नहीं है , पैसा दो और कोयला लो , तब उसके अगले महीने से शिवराज सिंह ने कहना शुरू किया कि केन्द्र घटिया कोयला दे रहा है , मैं क्‍या करूं प्रदेश को बिजली कैसे दूं , इसके कुछ समय बाद शिवराज सिंह ने कहा कि सबके फीछर अलग अलग किये जा रहे हैं , फीछर अलग अलग होते ही प्रदेश को 24 घंटे बिजली दूंगा । फीडर भी अलग अलग कर दिये गये प्रदेश में कटिया डालना भी सन 2010 में ही बंद करा दिया गया, हाईटेंशन लाइनें सीधे हर घर तक डाल कर घर घर में मीटर टांग दिये गये बिजली के बिल आठ गुना तक बढ़ा दिये गये , दिग्विजय सिंह के शासनकाल में जिन घरों में बिजली का बिल 200 रूपये आता था उन घरों का बिजली का बिल 2000 रूपये महीने से भी ऊपर आने लगा मगर बिजली फिर भी प्रदेश को मयस्सर नहीं हुयी ।
हाल ये है कि अब तासे शिवराज सिंह के पास कोई बहाना भी नहीं बचा , अगले साल सन 2013 में फिर विधानसभा चुनाव है , सुनने में आ रहा है कि अब शिवराज सिंह चुनाव के ऐन वक्त पर प्रदेश को 24 घंटे बिजली देंगें , सवाल यह है कि दस साल तक म.प्र. को खून के ऑंसू रूला देने वाले शिवराज सिंह को दस महीने चुनाव काल में बिजली देने का जनता पुरूकार देगी या दंड । यह देखने की बात होगी कि पत्ते पत्ते पर गुलांटी खाने वाले, महज घोषणायें करने और लगातार दनादन झूठ बालने शिवराज सिंह को प्रदेश की जनता अबकी बार पुन: सत्तासीन करेगी या सत्ता से बाहर धकेल कर सदा सर्वदा के लिये राजनीति से बाहर कर देगी ।