रविवार, अप्रैल 05, 2015

यज्ञ व हवन की आवश्यकता क्यों होती है ......

यज्ञ व हवन करना क्यों आवश्यक है .... 
श्रीमद्भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि , प्रजापति ने मनुष्य व देवों के पारस्परिक कल्याणार्थ यज्ञ की रचना की, मनुष्य यज्ञ द्वारा देवों को पुष्ट बनाता है और देव पुष्ट होकर मनुष्य को पुष्ट, सुखी, समृद्ध बना कर सदैव उसकी रक्षा करते हैं, हवन से निकली हव्य आहूति युक्त‍ धुआं ही देवों का भोजन व शक्त‍ि है , उसी से उन्हें पुष्टता, शक्त‍ि  व सौम्यता प्राप्त होती है, बिना यज्ञ के देव और रक्षक क्षीण हीन व कमजोर , शक्त‍िहीन व श्री हीन हो जाते हैं , तथा मनुष्य की कोई सहायता नहीं कर पाते, अत: यज्ञ नियमित रूप से देव निमित्त करना चाहिये ।   - भगवान श्री कृष्ण , श्रीमद्भगवद गीता