शनिवार, फ़रवरी 11, 2017

कलेक्टर ने किया कॉटनजीन स्थित दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण

कलेक्टर ने किया कॉटनजीन स्थित दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान प्रा./मा.विद्यालय के प्रधानाध्यापक निलंबित, सीएसी एवं कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश
भिण्ड | 11-फरवरी-2017
 
   
   कलेक्टर डॉ. इलैया राजा आज जिला मुख्यालय के कॉटनजीन स्थित दो विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शामावि कॉटनजीन के प्रधानाध्यापक श्री नरेश सिंह भदौरिया एवं शाबाप्रावि फ्रीगंज की प्रधानाध्यापक श्रीमती मिथलेश पारासर को निलंबित करने के निर्देश दिए। साथ ही शहरी सीएसी का तीन दिन का एवं बीईओ कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सात दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।
   कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने शामावि कॉटनजीन एवं शाबाप्रावि फ्रीगंज के निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई व्यवस्था को निरंतर अपनाने के निर्देश शिक्षको को दिए। साथ ही छात्र-छात्राओं को नियमित रूप से शिक्षा प्रदान करने की समझाईस दी। जिससे वे परीक्षाओं में अब्बल स्थान प्राप्त कर समाज में अपनी पहचान स्थापित कर सके।
   कलेक्टर ने औचक निरीक्षण के दौरान बीआरसी एवं बीईओ कार्यालय की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दोरान बीईओ कार्यालय बंद पाया गया। जिस पर कार्यालय में पदस्थ सात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सात-सात दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। इसीप्रकार शहरी सीएसी द्वारा इन विद्यालयों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण और अन्य गतिविधियों पर समय सीमा में निगरानी नहीं रखने पर से उनका तीन-तीन दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। औचक निरीक्षण के दौरान बीआरसी एवं बीईओ श्री दशरथ सिंह कौरव तथा बीआरसी कार्यालय सहित संबंधित विद्यालयों के शिक्षक/कर्मचारी उपस्थित मिले।

आपसी सुलह और समझौता के आधार पर प्रकरणों का निराकण - डीजे

आपसी सुलह और समझौता के आधार पर प्रकरणों का निराकण - डीजे

जिला न्यायालय सभागार में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ
भिण्ड | 11-फरवरी-2017
   
   जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड श्री तारकेश्वर सिंह ने कहा है कि लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को आपसी सुलह और समझौता के आधार पर प्रकरणों का निराकरण कराने का अवसर प्राप्त होता है। इसलिए अच्छे वातावरण में प्रकरण निराकरण के लिए आगे आना चाहिए। वे आज मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर जिला न्यायालय सभागर में आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
   इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह, प्रधान न्यायाधीश कुटुम न्यायालय श्री बीके जाटव, विशेष न्यायाधीश एवं प्रभारी लोक अदालत श्री योगेश कुमार गुप्ता, एडीजे श्री उमेश पाण्डेय, श्री शकील खांन, सीजेएम श्री धनराज दुबेला, जेएमएफसी श्रीमती तृप्ति पाण्डेय, प्रशिक्षु मजिस्ट्रेट कु.रेनू खान, श्री सरद जायसवाल, अभिभाषकगण, विभागीय अधिकारी न्यायालयीन कर्मचारीगण और प्रकरणों के निराकरण के लिए आए पक्षकार उपस्थित थे।
   जिला न्यायाधीश श्री तारकेश्वर सिंह ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से अच्छे वातावरण में प्रकरणो को आसानी से निराकृत कराया जा सकता है। साथ ही सकारात्मक सोच के साथ अन्तर आत्मा से सुलह एवं समझौते का अवसर मिलता है। जिससे प्रकरण से संबंधित पक्ष और विपक्ष आपसी समन्वय के आधार पर अपने प्रकरण का निराकरण कराते है। उन्होंने कहा कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में लोक अदालत के माध्यम से बिछडे हुए परिवारो को न्याय प्राप्त होता है। साथ ही वे परिवार में शांतिपूर्वक जीवन बिताने में सहायक होते है। लोक अदालत में निराकृत होने वाले फैसले की अपील नहीं होती है। यह फैसला बादी और प्रतिवादी को भी स्वीकार हाता है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका, विद्युत वितरण कंपनी, बैंक आदि से संबंधित प्रकरणों के निराकरण में जिला प्रशासन का सहयोग लिया जा सकता है। क्योंकि न्याय पालिका, कार्यपालिका और पुलिस जनहित में काम करती है।
   पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह ने इस अवसर पर कहा कि लोक अदालत के माध्यम से बिछडे हुए पति पत्नी को जोडने का अवसर मिलता है। साथ ही वे समाज में वे अपनी जिंदगी सम्मानपूर्वक जीने में सहायक होते है। उन्होंने तीन प्रकरणों में बिछडे हुए पति पत्नियों को दिए गए न्याय पर बधाई दी।
   कुटुम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री बीके जाटव ने इस अवसर पर कहा कि कुटुम न्यायालय के माध्यम से बिछड़े हुए परिवारों को मिलाने की अनुकरणीय पहल की गई है। साथ ही आपसी सुलह और समझौते के आधार पर प्रकरण का निराकरण कराने में किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं होती है। साथ ही प्रेम और सौहार्दपूर्ण वातावरण में वादी प्रतिवादी अपने प्रकरण का निराकरण करने में सहायक होते है।
   विशेष न्यायाधीश श्री योगेश गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस लोक अदालत के माध्यम से आपसी सुलह और समझौता के आधार पर बडे पैमाने पर प्रकरणों का निराकरण करने की पहल की जा रही है। जिसमें पक्षकारों द्वारा अपनी महति भूमिका का निर्वहन करने की पहल की है।
   इस अवसर पर अभिभाषक श्री अटल बिहारी टांक, श्री मुकेश बिहारी दीक्षित, बैकर्स श्री तिवारी एवं श्री कुशवाह ने लोक अदालत के प्रकरणों के निराकरण की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसीप्रकार पत्नी से बिछुड गए आर्मी  में सेवा दे चुके हवलदार श्री हरिओम शर्मा ने पुनरमिलन के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन न्यायालयीन कर्मचारी श्री चंद्रशेखर कटारे ने किया।
लोक अदालत में तीन पति-पत्नियों को मिलाने की पहल
   जिला न्यायाधीश श्री तारकेश्वर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई इस नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ समारोह में तीन बिछुडे पति-पत्नी श्री हरिओम शर्मा-श्रीमती गायत्री शर्मा, श्री किशन सिंह यादव-श्रीमती गीता देवी एवं श्री दौलतराम-श्रीमती निर्मला भिण्ड का पुनरमिलन कराने की पहल की गई। इसीप्रकार तीनो पति-पत्नियों को मिलाने के अवसर पर एक दूसरे के माला डलवाकर परिवार में खुशहाल जीवन व्यवतीत करने के लिए सकुशल अपने घर को विदा किया।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण
   जिला न्यायाधीश श्री तारकेश्वर सिंह के नेतृत्व में आयोजित नेशनल लोक अदालत के माध्यम से आपराधिक, दीवानी, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, प्रिलिटिगेशन, निगोशिएबल इंस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउन्स प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, राजस्व न्यायालय, उपभोक्ता फोरम, प्लीबारगेंनिंग, विड्रावल क्रिमीनल केसेस (एफ.आर), सहकारिता प्रकरण, क्रिमिनल समरी, विद्युत चौरी के प्रकरण, लीगल सर्विसेस मैटर्स एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, वन तथा अन्य शासकीय विभागों के प्रकरणों का निराकरण करने की शुरूआत की।
   इसीप्रकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अन्तर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में निम्न दाव श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं के प्रकरणों में छूट प्रदाय की गई। साथ ही नेशनल लोक अदालत के अन्तर्गत जिला मुख्यालय के न्यायालयों के अलावा न्यायिक तहसील मेंहगाव, गोहद, लहार तथा भिण्ड जिले के प्रत्येक राजस्व एवं जिला एवं जनपद पंचायत स्तर तक के प्रकरणों का निराकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई।